Rupee-Dollar: डॉलर के मुकाबले ऑलटाइम लो पर बंद हुआ रुपया, विदेशी निवेशकों की बिकवाली का असर
Rupee-Dollar Update: बजट पेश होने के बाद से लगातार तीसरे दिन शेयर बाजार के साथ बंद हुआ है. विदेशी निवेशकों के बिकवाली का ये असर है जिससे रुपया कमजोर हो रहा है.
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Rupee-Dollar Update: करेंसी मार्केट में गुरुवार 25 जुलाई के सेशन में एक डॉलर के मुकाबले रुपया अपने ऑलटाइम लो 83.72 रुपये पर क्लोज हुआ है. डॉलर की बढ़ती मांग और भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की ओर से जारी बिकवाली के बाद विदेशी निवेश की निकासी के चलते रुपये में डॉलर के मुकाबले ये कमजोरी देखने को मिली है.
गुरुवार के सेशन में एक डॉलर के मुकाबले रुपया 83.72 रुपये खुला और घटकर 83.66 रुपये के लेवल पर आ गया. लेकिन करेंसी मार्केट के बंद होने पर रुपये 83.72 रुपये पर बंद हुआ है. पिछले सेशन में 83.71 रुपये के लेवल पर रुपया क्लोज हुआ था. इस बीच डॉलर इंडेक्स 0.21 फीसदी की गिरावट के साथ 104.17 के लेवल पर आ गया है.
बजट में इक्विटी पर शार्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स को बढ़ाने जाने के बाद भारतीय शेयर बाजार का मूड बिगड़ा हुआ है. दो दिनों में विदेशी निवेशक एक बिलियन डॉलर वैल्यू के करीब इक्विटी बेच चुके हैं. बजट से लेकर तीन दिनों तक लगातार बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ है. जबकि बजट के पहले विदेशी निवेशकों ने 2.20 बिलियन डॉलर से ज्यादा के शेयर्स खरीदे थे.
रुपये में कमजोरी जारी रही तो भारत की मुश्किलें बढ़ सकती है. भारत के लिए आयात महंगा हो सकता है. भारत अपने खपत का 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है. डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी के आने से कच्चे तेल का आयात महंगा हो जाएगा. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स आईटम्स भी भारत बड़े पैमाने पर आयात करता है जो कि महंगा हो सकता है. खाने के तेल से लेकर दालों के खपत के लिए भी भारत आयात पर निर्भर है. खाने का तेल से लेकर दाल का आयात भी डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर पड़ने से महंगा हो सकता है.
एक तरफ सोने की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है. बजट में सोने पर कस्टम ड्यूटी को घटा दिया गया है. आने वाले त्योहारी सीजन में सोने की खपत बढ़ने के आसार हैं जिसके चलते सोने का आयात बढ़ेगा. ऐसे में डॉलर में मजबूती के बाद सोना आयात भी महंगा हो जाएगा जिससे त्योहारी सीजन में सोने की ज्वेलरी महंगी हो सकती है. इसके अलावा जिन अभिभावकों के बच्चे विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं उन्हें अपने बच्चों को विदेशी करेंसी डॉलर भेजने के लिए ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं. जाहिर है रुपया कमजोर होता रहा तो लोगों पर महंगाई की मार पड़ सकती है.
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