Rupee-Dollar Update: डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी का सिलसिला जारी है. बुधवार 6 सितंबर 2023 को एक डॉलर के मुकाबले रुपया घटकर 83.09 के लेवल पर जा लुढ़का है. डॉलर के मुकाबले 83 रुपये के लेवल के ऊपर रुपया बना रहा तो इससे आरबीआई की मुश्किलें बढ़ सकती है.
वैसे बीते एक महीने से लगातार रुपये के मुकाबले डॉलर में मजबूती देखी गई है. 2 अगस्त, 2023 के बाद से रुपया 38 पैसे रुपया कमजोर हो चुका है. वहीं इसी अवधि में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में करीब 10 फीसदी से ज्यादा का उछाल देखने को मिला है. रुपये में कमजोरी और महंगे कच्चे तेल ने भारत की मुसीबत बढ़ा दी है.
बाजार के जानकारों का मानना है कि रुपये में कमजोरी की बड़ी वजह डॉलर में मजबूती और कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी है जो अभी 90 डॉलर प्रति बैरल के पार जा पहुंचा है. भारत से निवेशकों के अपने पैसे की निकासी के चलते भी रुपया कमजोर हुआ है. चीन की करेंसी यूआन में कमजोरी ने भी रुपये समेत सभी एशियाई करेंसी पर दबाव बढ़ा दिया है जिससे रुपये में भी कमजोरी नजर आ रही है.
क्या होगा कमजोरी का असर?
दाल-एडिबल आयल आयात होगा महंगा
भारत में वैसे ही खाद्य महंगाई 11.51 फीसदी पर जुलाई महीने में जा पहुंची है. दाल की कीमतों में तेजी है. सरकार गेहूं आयात करने पर विचार कर रही है. ऐसे में डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट के बाद खाद्य वस्तुओं का आयात महंगा हो सकता है.
महंगा होगा कच्चा तेल खरीदना
भारत अपने खपत का 80 फीसदी से ज्यादा कच्चा तेल आयात करता है. एक तरफ कच्चा तेल 90 डॉलर प्रति बैरल के पार जा पहुंचा है तो उसपर से डॉलर की मजबूती के बाद भारत के लिए कच्चा तेल खरीदना महंगा हो जाएगा. सरकारी तेल कंपनियां डॉलर में भुगतान कर कच्चा तेल खरीदती हैं. अब डॉलर हासिल करने के लिए उन्हें ज्यादा रुपये खर्च करने होंगे.
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट
रुपये में कमजोरी को रोकने के लिए आरबीआई ने डॉलर की बिकवाली की है जिसके बाद विदेशी मुद्रा भंडार 600 बिलियन डॉलर के नीचेजा लुढ़का है. और रुपया और कमजोर हुआ और निवेशकों की बिकवाली जारी रही तो विदेशी मुद्रा भंडार में और कमी आ सकती है.
महंगा होगा सोना खरीदना!
भारत सोने के बड़े आयातक देशों में एक है. त्योहारों का सीजन आ चुका है. गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, से लेकर धनतरेस दिवाली पर लोग सोने की खरीदारी करते हैं. डॉलर की मजबूती के चलते सोने का आयात महंगा हुआ तो देश में सोने की कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है. ऐसे में त्योहारी सीजन में सोने की खरीदारी करने पर जेब कटने वाली है.
महंगी हो सकती है कारें!
ऑटोमोबाइल कंपनियां गाड़ियों के पार्ट्स आयात करती हैं. डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने से इन पार्ट्स के आयात महंगा हो सकता . कमजोर रुपये और डॉलर की मजबूती के चलते ऑटमोबाइल कंपनियों की लागत बढ़ी तो वे गाड़ियों की कीमतों में त्योहारों के दौरान इजाफा कर सकते हैं.
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