Global Rupee: ग्लोबल बनेगा भारत का रुपया, बढ़ेगा विदेशी निवेश, आरबीआई ने तैयार की ये खास योजना
Rupee Internationalisation: रिजर्व बैंक ने एक दिन पहले अपनी सालाना रिपोर्ट जारी की, जिसमें उसने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपने एजेंडे के बारे में बताया...
भारतीय करेंसी की वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता और इस्तेमाल लगातार बढ़ रही है. अब इसमें और तेजी आने वाली है. भारतीय रिजर्व बैंक ने रुपये को वैश्विक बनाने के लिए खास योजना तैयार की है. इसका खुलासा आरबीआई की हालिया सालाना रिपोर्ट में हुआ है.
इस वित्त वर्ष के लिए आरबीआई का एजेंडा
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 की सालाना रिपोर्ट एक दिन पहले 30 मई को जारी की. रिपोर्ट में सेंट्रल बैंक ने बताया कि उसने रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की योजना के तहत देश से बाहर रूपी अकाउंट खोले जाने का रास्ता साफ कर दिया है. उसने कहा कि बदलती वृहद आर्थिक परिस्थितियों के मद्देनजर फेमा ऑपरेटिंग फ्रेमवर्क के लगातार सिंक्रोनाइजेशन पर जोर देते हुए विभिन्न गाइंडलाइंस को तार्किक बनाना मुख्य फोकस में रहेगा.
एफपीआई और एफडीआई में तेजी
रिजर्व बैंक 2024-25 के एजेंडा के अनुरूप भारत से बाहर रह रहे लोगों (पीआरओआई) के द्वारा देश से बहर आईएनआर अकाउंट खोलने की मंजूरी देगा. इससे पीआरओआई को भारतीय बैंक रुपये में कर्ज दे सकेंगे. साथ ही स्पेशल नॉन रेजिडेंट रूपी और स्पेशल रूपी वॉस्ट्रो अकाउंट के जरिए देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) व विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) सुनिश्चित होगा.
स्थानीय मुद्रा में ट्रेड का सेटलमेंट
रिजर्व बैंक के चालू वित्त वर्ष 2024-25 के एजेंडे में लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम को तार्किक बनाना और फेमा के तहत आईएफएससी के नियमों की समीक्षा करना भी शामिल है. उसने कहा कि भारतीय रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण के विभिन्न नियमों को तार्किक बनाने की पहलें यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि द्विपक्षीय व्यापार को स्थानीय मुद्राओं में सेटल किया जा सके.
इतनी बढ़ गई रिजर्व बैंक की कमाई
आपको बता दें कि बीते वित्त वर्ष के दौरान रिजर्व बैंक की कमाई में जबरदस्त इजाफा हुआ है. सालाना रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के दौरान रिजर्व बैंक की कमाई में 141 फीसदी की भारी-भरकम बढ़ोतरी हुई. कमाई में यह शानदार तेजी खर्च में कमी आने से आई है. इसी के चलते रिजर्व बैंक बीते वित्त वर्ष के लिए केंद्र सरकार को 2.1 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड डिविडेंड देने में सक्षम हुआ. यह साल भर पहले के 87,420 करोड़ रुपये के डिविडेंड की तुलना में करीब ढाई गुना है.
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