Rupee Internationalisation Report: भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि भारतीय करेंसी रुपये के अंतराष्ट्रीयकरण को लेकर इंटर-डिपार्टमेंटल ग्रुप की रिपोर्ट का वो अध्ययन करेगी. आरबीआई ने रिपोर्ट को अपने वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. हालांकि आरबीआई ने रुपये के अंतराष्ट्रीयकरण को लेकर रिपोर्ट में कही गई बातें और सुझाव को इंटर-डिपार्टमेंटल ग्रुप की अपनी राय बताया है. आरबीआई का कहना है कि इस रिपोर्ट के साथ आधिकारिक तौर कोई लेना-देना नहीं है. 


आरबीआई ने रुपये के अंतराष्ट्रीयकरण पर विचार करने के लिए एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राधा श्याम राठो की अध्यक्षता में इंटर-डिपार्टमेंटल ग्रुप का गठन किया था. इस ग्रुप के गठन का मकसद इंटरनेशनल करेंसी के रूप में रुपये के स्थान का पता लगाने के साथ ही रुपये के अंतराष्ट्रीयकरण का रोडमैप तैयार करना था.  इंटर-डिपार्टमेंटल ग्रुप में अपने आखिरी सुझावों वाले रिपोर्ट को सबमिट कर दिया है.  


रुपये के अंतराष्ट्रीयकरण पर इंटर-डिपार्टमेंटल ग्रुप के सुझावों के देखें को कमिटी ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय ट्रेड के लिए इनवॉयसिंग, सेटलमेंट और पेमेंट को रुपये और स्थानीय करेंसी में किए जाने का सुझाव दिया है. कमिटी ने मौजूदा बहुपक्षीय मैकेनिज्म जैसे एसीयू में रुपये को एडिशनल सेटलमेंट करेंसी के रूप में स्थापित करने का सुझाव दिया है. साथ द्विपक्षीय ट्रांजैक्शन में स्थानीय करेंसी के अलावा काउंटरपार्ट्स देशों के साथ स्थानीय करेंसी में ट्रेड को बढ़ावा देने की सिफारिश की है. 


इंटर-डिपार्टमेंटल ग्रुप ने भारत या विदेश में नॉन-रेसिडेंट्स के लिए रुपये अकाउंट्स खोलने को बढ़ाना देने का सुझाव दिया है. क्रॉस बार्डर ट्रांजैक्शन के लिए इंडियन पेमेंट सिस्टम को इंटीग्रेट करने का भी सुझाव दिया गया है. कमिटी ने ग्लोबल 24*5 रुपये मार्केट को बढ़ावा देने के लिए फाइनैंशियल मार्केट को मजबूत किए जाने पर जोर दिया है साथ ही भारत को रुपये ट्रांजैक्शन का हब बनाने को बढ़ावा देने और बेहतर प्राइस डिस्कवरी के रूप में स्थापित किए जाने का सुझाव दिया है. एक्सपोटर्स को रुपये में ट्रेड सेटलमेंट करने पर इंसेटिव देने का सुझाव दिया गया है. 


कमिटी ने मध्यम अवधि में मसाला बॉन्ड्स पर टैक्स की समीक्षा करने का सुझाव दिया है. क्रॉस बार्डर ट्रेड ट्रांजैक्शन के लिए आरटीजीएस के इंटरनेशनल इस्तेमाल करने और रुपये सीएलएस  ( Continuous Linked Settlement) सिस्टम में रुपये को डायरेक्ट सेटलमेंट करेंसी में शामिल किए जाने का सुझाव दिया है. साथ ही कमिटी ने विदेशों में भारतीय बैंकों के ऑफ-शोर शाखाओं में रुपये में बैंकिंग सर्विसेज उपलब्ध कराने की सिफारिश की है.  


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