रघुराम राजन बोले, डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी का सिलसिला रहेगा जारी
Rupee-Dollar: राजन ने कहा, अमेरिकी डॉलर सुप्रीम करेंसी बना रह सकता है, लेकिन अमेरिकी प्रशासन की कार्रवाइयों ने करेंसी को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने के कारण कई देशों में आशंकाएं पैदा की है.

Rupee-Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपये में अभी और भी कमजोरी आ सकती है. भारतीय रिजर्व बैंक की रुपये में गिरावट को रोकने की तमाम कोशिशें नाकाम साबित हो सकती हैं. ये भविष्यवाणी की है पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने. राजन ने कहा, सेंट्रल बैंक आरबीआई को रुपये को गिरने से बचाने के लिए करेंसी मार्केट में दखल देने की आवश्कता नहीं है क्योंकि रुपया ही नहीं बल्कि दुनिया की सभी करेंसी डॉलर के मुकाबले कमजोर हो रही हैं.
डावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में शामिल हो रहे रघुराम राजन ने कहा, केवल रुपया ही ऐसी करेंसी नहीं है जो कमजोर पड़ रही है. दूसरे देशों के करेंसी में भी डॉलर के मुकाबले कमजोरी आई है. उन्होंने कहा, भले ही डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आई हो लेकिन रुपये में अभी और भी कमजोरी आ सकती है. राजन ने कहा, रुपया रियल टर्म्स में दूसरी करेंसी के मुकाबले अभी भी ओवरवैल्यूड है. राजन ने कहा, एक डॉलर के मुकाबले रुपया 85.6 के लेवल पर आ गया और हर कोई रुपये में आए इस कमजोरी के कारणों को जानना चाहता है. उन्होंने कहा, सेंट्रल बैंक हस्तक्षेप कर करेंसी में आ रही कमजोरी को थामना चाहते हैं जबकि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए.
रघुराम राजन ने कहा, फाइनेंशियल मार्केट्स में जो हो रहा है उससे इमर्जिंग देशों में घबराहट है. फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को लेकर जो कदम उठाये हैं उसका अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है. राजन ने कहा, अमेरिकी डॉलर सुप्रीम करेंसी बना रह सकता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में अमेरिकी प्रशासन की कार्रवाइयों ने करेंसी को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने के कारण कई देशों में आशंकाएं पैदा की है. उत्तरी अमेरिकी-यूरो ब्लॉक के बाहर दुनिया भर के कई सेंट्रल बैंक करेंसी के हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की प्रवृति को लेकर चिंतित है.
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