Rupee to Dollar: विदेशी कोषों के लगातार बाहर जाने और घरेलू शेयर बाजार में बड़ी गिरावट के कारण रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 12 पैसे टूटकर 77.74 पर आ गया. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 77.72 पर कमजोर खुला, फिर और गिरावट के साथ 77.74 पर आ गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 12 पैसे की कमजोरी दर्शाता है.
बुधवार को रुपया ऑलटाइम लो पर
बुधवार को रुपया 17 पैसे की गिरावट के साथ 77.61 प्रति डॉलर के अपने नये सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था. इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.15 फीसदी की गिरावट के साथ 103.65 पर आ गया. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.37 फीसदी बढ़कर 110.61 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था.
करेंसी मार्केट के जानकारों का क्या है कहना
विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में और बढ़ोतरी पर विचार करने की चिंताओं के कारण रुपया कमजोर हुआ.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विदेशी मुद्रा और सर्राफा विश्लेषक, गौरांग सोमैया ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व के गवर्नर की टिप्पणियों से पता चलता है कि आने वाली बैठक में भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रह सकती है.’’ एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक जतिन त्रिवेदी ने कहा, "डॉलर इंडेक्स ने 103.50 के करीब समर्थन हासिल किया और पूंजी बाजार में उच्चस्तर पर मुनाफावसूली देखी गई, जिससे रुपये में कमजोरी आई."
फेडरल रिजर्व का रुझान
फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल ने कहा कि यदि चार दशक के उच्चस्तर पर चल रही मुद्रास्फीति पहले की गई ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद भी कम नहीं होती है, तो केंद्रीय बैंक को ‘‘अधिक आक्रामक तरीके से आगे बढ़ने पर विचार करना होगा.’’
वैश्विक कारण
अप्रैल में रूस के तेल उत्पादन में गिरावट के कारण चीन में मांग में सुधार की उम्मीद के साथ-साथ आपूर्ति की चिंताओं के कारण कच्चे तेल की कीमतें एक फीसदी से अधिक बढ़कर 113.45 डॉलर प्रति बैरल हो गईं. ब्रिटेन की मुद्रास्फीति अप्रैल में 40 साल के उच्चस्तर नौ फीसदी पर पहुंचने के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले ब्रिटिश पाउंड में गिरावट देखने को मिली.
पाकिस्तान में रुपये की हालत भी खस्ता
पाकिस्तानी रुपया बुधवार को दो रुपये की गिरावट के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले खुले बाजार में 200 के महत्वपूर्ण स्तर को छू गया. इस बीच, इंटरबैंक बाजार में स्थानीय मुद्रा 2.1 रुपये की गिरावट के साथ केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप के बावजूद इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान ग्रीनबैक के मुकाबले 199 रुपये के एक और ऐतिहासिक निचले स्तर पर गिर गया.