Rupee Opening: रुपये में गिरावट का सिलसिला जारी, 13 पैसे गिरकर 79.58 पर आया
Rupee Vs Dollar: रुपये की गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है और ये कल अपने ऑलटाइम निचले स्तर 79.45 पर बंद हुआ जबकि इंट्राडे में 79.50 तक नीचे गया था. जानें आज किन स्तरों पर खुला है रुपया.
Rupee Opening: घरेलू शेयर बाजार में गिरावट और विदेश में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती के चलते रुपया मंगलवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 13 पैसे गिरकर 79.58 पर आ गया. रुपया पिछले सत्र में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 19 पैसे लुढ़ककर 79.45 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. यह इसका सर्वकालिक निचला स्तर है. शुरुआती कारोबार में स्थानीय मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.55-79.62 के दायरे में रही.
क्या है रुपये में गिरावट का कारण
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि इसके अलावा विदेशी फंड की लगातार बिकवाली और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी ने स्थानीय मुद्रा पर दबाव बनाया. हालांकि बाजार सूत्रों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने रुपये के नुकसान पर कुछ अंकुश लगा दिया. कच्चे तेल की कीमतों में लगातार तीसरे दिन गिरावट आई है. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार ने कहा कि डॉलर में ताजा तेजी यूरोप, ब्रिटेन और जापान की कमजोर आर्थिक गतिविधियों की वजह से आई है. डॉलर की भारी मांग और विदेशी पूंजी की भारी निकासी के बीच रुपया लगातार कमजोरी के दायरे में जा रहा है.
डॉलर इंडेक्स, क्रूड का हाल
इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.55 पर खुला और गिरावट दर्शाते हुए 79.58 पर आ गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 13 पैसे की कमजोरी दर्शाता है. इस बीच छह प्रमुख करेंसी के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.27 फीसदी बढ़कर 108.31 पर पहुंच गया. वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड वायदा का दाम 1.43 फीसदी घटकर 105.49 डॉलर प्रति बैरल रह गया.
क्या कहते हैं करेंसी जानकार
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च डिपार्टमेंट की उपाध्यक्ष सुगंधा सचदेवा ने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में जून में नौकरियों की संख्या में प्रभावशाली वृद्धि होने के साथ ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि किये जाने की संभावना और प्रबल हो गई है, जो डॉलर सूचकांक को ऊंचाई की ओर धकेल रही है. डॉलर 20 साल के नए उच्च स्तर की ओर बढ़ गया है. उन्होंने कहा, "घरेलू मोर्चे पर बढ़ते व्यापार घाटे के बारे में चिंताओं के कारण रुपये पर और दबाव है. व्यापार घाटा जून के महीने में 25.6 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया हैं."
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