Rupee vs Dollar: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान, बोलीं - 'डॉलर की तुलना में रुपया अच्छा कर रहा है'
Rupee Declining: पिछले कुछ दिनों में रुपये की कीमतों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. रुपये जल्द ही 83 के आंकड़े को छू सकता है, फिलहाल 1 डॉलर 82.35 तक पहुंच चुका है.
Finance Minister on Rupee Declining: पिछले एक साल में भारतीय रुपये डॉलर के मुकाबले काफी कमजोर हुआ है. जहां एक तरफ रुपये की गिरती कीमतों पर एक्सपर्ट्स चिंता जता रहे हैं , वहीं अब इस मामले पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) का एक बेहद अजीबोगरीब बयान सामने आया है. अपने हालिया अमेरिकी दौरे पर पत्रकारों द्वारा सवाल पूछे जाने पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि रुपया कमजोर नहीं हो रहा, हमें इसे ऐसे देखना चाहिए कि डॉलर मजबूत हो रहा है. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय रुपया विश्व की बाकि करेंसी की तुलना में काफी अच्छा कर रहा है.
साल 2022 में रुपये में दर्ज की गई 10% गिरावट
पिछले कुछ दिनों में रुपये की कीमतों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. रुपये जल्द ही 83 के आंकड़े को छू सकता है, फिलहाल 1 डॉलर 82.35 तक पहुंच चुका है. बता दें कि साल 2022 में रुपये की कीमतों में करीब 10% की गिरावट दर्ज की गई है और साल 2014 से अब तक रुपये में 40.50% की गिरावट दर्ज की गई है. मई 2014 में 1 डॉलर 58.58 रुपये पर था जो अब गिरकर 82.63 रुपये तक पहुंच चुका है. कई एक्सपर्ट्स का यह मानना है कि रुपये आने वाले कुछ दिनों में और गिरेगा और यह 85 के आंकड़े को छू सकता है.
रुपया कमजोर नहीं हो रहा, हमें इसे ऐसे देखना चाहिए कि डॉलर मज़बूत हो रहा है। लेकिन दूसरी मार्केट करेंसी देखें तो रुपया डॉलर की तुलना में काफी अच्छा कर रहा है: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाशिंगटन डीसी pic.twitter.com/WGr7VV2yNO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 16, 2022
महंगे डॉलर का अर्थव्यवस्था पर होगा बुरा असर
एक्सपर्ट्स के मुताबिक महंगे डॉलर का अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है. रुपये की गिरावट के कारण तेल कंपनियों को ज्यादा पैसे खर्च करके तेल खरीदना पड़ेगा. ऐसे में आयात महंगा होगा और आम लोगों को पेट्रोल डीजल के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी.इसके साथ ही हर साल भारत से लाखों बच्चे विदेश पढ़ाई के लिए जाते हैं. ऐसे में उनके माता-पिता की जेब पर बोझ बढ़ेगा और उन्हें बच्चों की पढ़ाई के लिए ज्यादा फीस चुकानी पड़ेगी.वहीं खाने के तेल को आयात करने के लिए सरकार को ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे. इससे भारत के इंपोर्ट बिल में इजाफा होगा जिसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा.
रुपये की गिरावट के कारण
कोरोना महामारी और रूस यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine) के कारण पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था कठिन दौर से गुजर रही है. भारत समेत पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ रही है. अमेरिका (United States of America) पर भी इसका बुरा असर पड़ा है. अमेरिका में पिछले कई सालों का महंगाई का रिकॉर्ड टूट गया है.ऐसे में अमेरिका के फेडरल रिजर्व महंगाई पर लगाम लगाने के लिए अपनी ब्याज दरों में लगातार इजाफा कर रहा है. इसके बाद से लगातार दुनिया भर की करेंसी में गिरावट दर्ज की जा रही हैं. इसका असर भारतीय रुपये पर भी साफ दिख रहा है.
वित्त मंत्री ने महंगाई पर भी दिया था अजीबोगरीब बयान
आपको बता दें कि इससे पहले वित्त मंत्री महंगाई पर दिए गए अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रह चुकी हैं. बढ़ती महंगाई के सवाल पर निर्मला सीतारमण ने कहा था कि उनकी सरकार में महंगाई ज्यादा नहीं बढ़ी है और बाकी देशों की तुलना में भारत बहुत अच्छी स्थिति में है. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि महंगाई पर नकेल (Controlling Inflation) कसने से ज्यादा उनकी सरकार का ध्यान ज्यादा नौकरियां का सृजन और आर्थिक समानता के लक्ष्य को हासिल करना है.
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