Rupees 2,000 Currency Note: 3 सालों में 2,000 रुपये वाले 2.44 लाख करोड़ के नोट बाजार से गायब, जानें आरबीआई ने दी क्या सफाई
2,000 Currency Note Update: 31 मार्च 2022 के आंकड़ों के मुताबिक 214.20 करोड़ 2,000 के नोट चलन में रह गया है. जो कुल नोटों का 1.6 फीसदी है और वैल्यू के लिहाज से 13.8 फीसदी रह गया है.
2,000 Currency Note Update: देश में 2,000 रुपये के नोट के सर्कुलेशन में भारी कमी आई है. आरबीआई (RBI) ने साल 2021-22 के लिए अपना सलाना रिपोर्ट ( RBI Annual Report) जारी किया है जिसमें आरबीआई ने कहा है कि 2020-21 में कुल करेंसी सर्कुलेशन ( Currency In Circulation) में 2,000 रुपये को नोटों की हिस्सेदारी 17.3 फीसदी थी वो घटकर अब 13.8 फीसदी रह गई है.
कम हो रहे 2,000 रुपये के नोट
आरबीआई के रिपोर्ट के मुताबिक 2019-20 में 5,47,952 रुपये वैल्यू के 273.98 करोड़ 2,000 रुपये के नोट की संख्या सर्कुलेशन में थी जिसकी कुल नोटों की सर्कुलेशन में 22.6 फीसदी हिस्सेदारी थी. वो 2020-21 में घटकर 4,90,195 करोड़ रुपये वैल्यू की रह गई जिसकी संख्या 245.10 करो़ड थी. लेकिन 2021-22 में कुल करेंसी के सर्कुलेशन में 2,000 रुपये के नोटों की संख्या और कम होकर 214.20 करोड़ रह गया जिसका वैल्यू 4,28,394 करोड़ रुपये है. अब कुल नोटों के सर्कुलेशन में 2,000 रुपये के नोटों की संख्या 2021-22 में 1.6 फीसदी रह गई है जो 2020-21 में 2 फीसदी और 2019-20 में 2.4 फीसदी था.
3 साल में 122 करोड़ घट गये 2,000 के नोट
आपको बता दें 31 मार्च 2018 तक 336.3 करोड़ 2,000 रुपये के नोट सर्कुलेशन में थे जो कुल नोटों के सर्कुलेशन का 3.27 फीसदी और वैल्यू के लिहाज से 37.26 फीसदी था. लेकिन 31 मार्च 2022 के आंकड़ों के मुताबिक 214.20 करोड़ 2,000 के नोट चलन में रह गया है. जो कुल नोटों का 1.6 फीसदी है और वैल्यू के लिहाज से 13.8 फीसदी रह गया है.
2018-19 के बाद 2,000 के नोट की प्रिंटिंग नहीं
दरअसल दिसंबर 2021 में शीतकालीन सत्र में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद को बताया कि 2018-19 के बाद से 2,000 रुपये के नोट की प्रिंटिंग के कोई फ्रेश आर्डर नहीं दिये गये हैं. 2,000 के नोट के सर्कुलेशन में कमी के कारण बताते हुये उन्हें कहा कि 2018-19 के बाद से नोट छापने के कोई फ्रेश आर्डर नहीं दिये गये हैं इसलिये 2,000 के नोटों की संख्या में कमी आई है. साथ ही नोटों के खराब होने चलते भी कई नोट चलने से बाहर हो जातें है जिसके चलते इनकी संख्या में कमी आई है.
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