कोरोना संक्रमण के बाद देश में कंजम्प्शन का पैटर्न तेजी से बदल रहा है. यह ट्रेंड हाल में डेटा इस्तेमाल में देखने में आया है. पिछले छह महीनों को दौरान यानी अप्रैल-सितंबर, 2020 में ग्रामीण इलाकों में मोबाइल डेटा का इस्तेमाल 30 फीसदी की दर से बढ़ा, जबकि इसी अवधि में शहरी इलाकों में इसकी दर 15 से 20 फीसदी रही.


लॉकडाउन के बाद से बदल गया पैटर्न 


इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर में मोबाइल ऑपरेटर कंपनियों के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि हालांकि 60 से 70 फीसदी आप्रवासी कामगार अब वापस गांव से शहर लौट गए हैं लेकिन इस दौरान ग्रामीण इलाके में मोबाइल डेटा के इस्तेमाल में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है. अप्रैल से सितंबर, 2020 बीच रूरल डेटा का यूज 30 फीसदी बढ़ा लेकिन शहरी इलाके में यह इतना रफ्तार नहीं पकड़ पाया. यहां यह दर 15 से 20 फीसदी रही. हाल के दिनों में रिलायंस जियो और भारती एयरटेल में रूरल मार्केट में अपना यूजर बेस बढ़ाया. इससे भी साबित होता है कि ग्रामीण इलाके में डेटा यूजर बढ़े हैं.


तीनों बड़ी टेलीकॉम कंपनियों को रूरल बेस बढ़ा 


कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन के दौर में मोबाइल कॉल की तादाद काफी बढ़ गई. साथ ही डेटा का भी इस्तेमाल बढ़ा. फिलहाल मोबाइल डेटा में अब रूरल सेक्टर की हिस्सेदारी बढ़ कर 45 फीसदी तक पहुंच गई है. जबकि शहरी इलाकों में डेटा यूज की हिस्सेदारी 55 फीसदी है. पहले यह अनुपात 40:60 का था. लॉकडाउन के बाद रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन का रूरल सब्सक्रिप्शन में 30 से 35 फीसदी का इजाफा हुआ है.


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