अच्छे मानसून, खरीफ फसलों की अच्छी बुवाई और प्रवासी मजदूरों के वापस शहरों में अपने कार्यस्थलों पर पहुंचने की वजह से ग्रामीण इलाके में बेरोजगारी दर घटी है. 12 जुलाई को खत्म हुए सप्ताह में ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी दर घट कर चार महीने के न्यूनतम स्तर पर आ गई.सेंटर ऑफ मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी यानी CMIE  के आंकड़ों के मुताबिक 12 जुलाई को खत्म हुए सप्ताह के दौरान बेरोजगारी दर घट कर 6.34 फीसदी हो गई. इसके पिछले सप्ताह यह 7.78 फीसदी थी. 22 मार्च को यानी लॉकडाउन से दो दिन पहले दर्ज की गई ग्रामीण बेरोजगारी दर से भी यह कम है.


कृषि गतिविधियों में सक्रियता से बढ़ा रोजगार


15 मार्च को खत्म हुए सप्ताह के बाद यह सबसे कम बेरोजगारी दर है. 15 मार्च को खत्म हुए सप्ताह में ग्रामीण बेरोजगारी दर 6.07 फीसदी थी. 12 जुलाई को खत्म हुए सप्ताह में समग्र बेरोजगारी दर 7.44 फीसदी थी. इसके पिछले सप्ताह बेरोजगारी दर 8.87 फीसदी थी.विश्लेषकों का कहना है कि अच्छे मानसून और खरीफ फसलों की अच्छी बुवाई  से पैदा कृषि गतिविधियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार में इजाफा किया है. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम पर जोर देने की वजह से भी हजारों लोगों को रोजगार मिला है. इस वजह से ग्रामीण सेक्टर में नौकरियां बढ़ी हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खरीफ फसलों का रकबा 44 फीसदी बढ़ा है. पिछले सप्ताह की तुलना में इस साल यह बढ़ कर 5.80 लाख हेक्टेयर हो गया था.


हालांकि कृषि सेक्टर में रोजगार बढ़ने की एक वजह बड़ी तादाद में संगठित क्षेत्रों से लोगों की छंटनी भी है. कोई विकल्प न होने की वजह से लोग खेती-बाड़ी का काम कर रहे हैं.CMIE के आंकड़ों के मुताबिक भले ही ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी घटी है लेकिन शहरों में बेरोजगारी की स्थिति में कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ है. 12 जुलाई को खत्म हुए सप्ताह में यह 9.92 फीसदी थी. इसके पिछले सप्ताह की तुलना में इसमें सिर्फ 1.3 फीसदी की गिरावट आई थी.