(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
India Oil Purchase: इराक या सऊदी अरब नहीं, अब इस देश से सबसे ज्यादा कच्चा तेल खरीद रहा है भारत
India's Crude Oil Import: लंबे समय से इराक और सऊदी अरब भारत के सबसे बड़े कच्चा तेल सप्लायर रहे हैं, लेकिन पिछले साल के आंकड़े कुछ अलग कहानी कह रहे हैं...
अपनी ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति के लिए आयात पर निर्भर भारत की तेल खरीदारी के पैटर्न में हालिया समय में बदलाव आया है. एक समय भारत के इम्पोर्ट बास्केट में मामूली हिस्सेदारी रखने वाला रूस अब कच्चे तेल का सबसे बड़ा सप्लायर बनकर उभरा है. वहीं पारंपरिक रूप से सबसे बड़े सप्लायर रहे खाड़ी देश नीचे आ गए हैं.
रूस से हर रोज आया इतना तेल
साल 2023 के दौरान भारत ने सबसे ज्यादा कच्चे तेल की खरीदारी रूस से की. आंकड़ों के अनुसार, साल 2023 में भारत ने रूस से 16.6 लाख बैरल कच्चे तेल की प्रति दिन खरीद की. साल भर पहले 2022 में यह आंकड़ा महज 6.51 लाख बैरल प्रति दिन का था. इसका मतलब हुआ कि 2022 की तुलना में 2023 में रूस से भारत की कच्चे तेल की खरीदारी में 155 फीसदी की जबरदस्त तेजी आई.
इराक और सऊदी अरब को नुकसान
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट बताती है कि साल 2023 में रूस से कच्चे तेल की खरीदारी बढ़ने से सबसे ज्यादा नुकसान खाड़ी देशों को हुआ है. खाड़ी देशों से भारत की कच्चा तेल खरीद अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गई है. लंबे समय से भारत के सबसे बड़े क्रूड सप्लायर रहते आए इराक और सऊदी अरब को इसका नुकसान हुआ है. अब भारत के क्रूड सप्लायर्स की लिस्ट में इराक का स्थान रूस के बाद दूसरा है, जबकि सऊदी अरब तीसरा सबसे बड़ा सप्लायर है.
रूस के डिस्काउंट से हुआ फायदा
भारत के द्वारा क्रूड ऑयल के आयात में इस बदलाव का कारण भू-राजनीतिक है. रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने इस बदलाव का रास्ता तैयार किया है. युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने रूस के ऊपर कई आर्थिक पाबंदियां लगाई हैं. इसके चलते रूस ने डिस्काउंट पर कच्चे तेल को उपलब्ध कराना शुरू कर दिया. रूस के डिस्काउंटेड कच्चे तेल को भारत और चीन जैसे देशों ने हाथों-हाथ लिया. इस विकल्प के खुलने से भारत को 2023 में अपना क्रूड ऑयल इम्पोर्ट बिल कम करने में भी मदद मिली है.
दिसंबर में कम आया रूस से तेल
हालांकि साल के अंत में रूस से भारत की कच्चा तेल खरीदारी कुछ कम हुई है. दिसंबर महीने में भारत ने रूस से हर रोज 13.4 लाख बैरल कच्चे तेल की प्रति दिन खरीदारी की. यह एक महीने पहले यानी नवंबर 2023 की तुलना में करीब 16.3 फीसदी कम है.
इतना कम हुआ ओपेक देशों का हिस्सा
पूरे साल का आंकड़ा देखें तो 2023 में भारत की कच्चे तेल की खरीदारी में ओवरऑल तेजी आई है. साल 2023 के दौरान भारत ने औसतन हर रोज 46.5 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीदारी की. यह साल भर पहले यानी 2022 की तुलना में 2 फीसदी ज्यादा है. भारत की कुल कच्चा तेल खरीद में ओपेक देशों की हिस्सेदारी कम हुई है. अप्रैल से दिसंबर 2023 तक के 9 महीनों में ओपेक की हिस्सेदारी कम होकर 49.6 फीसदी पर आ गई, जो साल भर पहले 64.5 फीादी पर थी.
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