अमेरिका की अगुवाई में पश्चिमी देशों के द्वारा रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने से दुनिया के व्यापार संतुलन पर व्यापक असर हुआ है. रूस के व्यापार पर तो इसका असर बहुत ज्यादा हुआ है. इन प्रतिबंधों के बीच रूस को अपने सामानों के लिए वैकल्पिक बाजार और जरूरत की चीजों के लिए नए सप्लायर खोजने की जरूरत पड़ी है. बदले हालात में रूस को भारत और चीन से काफी मदद मिली है, लेकिन रॉयटर के एक ताजे एनालिसिस से पता चलता है कि चीन पर रूस को भी भरोसा नहीं है. उससे बेहतर रूस को भारत पर निर्भर रहना लगता है.


आर्थिक प्रतिबंधों से बंद हुई आपूर्ति


रॉयटर्स के एनालिसिस के अनुसार, रूस ने कई इंडस्ट्री के लिए बेहद जरूरी एल्यूमीनियम के मामले में निर्भरता में बदलाव किया है. आर्थिक प्रतिबंधों से पहले रूस को एल्यूमीनियम की कच्ची सामग्री एलुमिना की आपूर्ति यूक्रेन और ऑस्ट्रेलिया से मिल जाती थी. पिछले साल फरवरी से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पर कई कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं. इससे रूस को एलुमिना की आपूर्ति बाधित हो गई, तो ऐसे में उसने चीन से इसे मंगाना शुरू किया, लेकिन अब रूस दूसरे विकल्प तलाश रहा है.


30 फीसदी करना पड़ता है आयात


रूस की कंपनी रूसाल दुनिया की सबसे बड़ी एल्यूमीनियम उत्पादक कंपनियों में से एक है. उसे चीन के बाद दुनिया की सबसे बड़ी एल्यूमीनियम कंपनी माना जाता है. रूसाल के अपने एलुमिना के स्रोत रूस, आयरलैंड, जमैका और गिनी जैसे देशों में हैं, जहां से कंपनी को जरूरत का 70 फीसदी यानी 5.5 मिलियन टन एलुमिना मिल जाता है. बाकी के 30 फीसदी एलुमिना की आपूर्ति कंपनी यूक्रेन और ऑस्ट्रेलिया से खरीदकर करती थी.


चीन पर निर्भरता की कीमत


प्रतिबंधों के बाद रूसाल ने इसके लिए चीन का रुख किया. पिछले साल रूस ने चीन से रिकॉर्ड एलुमिना की खरीदारी की और चीन के लिए एलुमिना का सबसे बड़ा बाजार बन गया. हालांकि इससे रूस को नुकसान हुआ कि उसे पहले से ज्यादा भुगतान करना पड़ गया. पहले जो खर्च 1.1 बिलियन डॉलर का था, वह चीन से खरीदने पर 2022 में 1.8 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया.


6 महीने में हो गया इतना निर्यात


बढ़ी लागत के कारण रूसाल ने विकल्प खोजना शुरू किया, जो उसे मिला कजाखस्तान और भारत के रूप में. इस साल के पहले छह महीने में भारत के एलुमिना के लिए रूस दूसरा सबसे बड़ा खरीदार रहा है. भारत ने इस दौरान रूस को 1,89,379 टन एलुमिना का निर्यात किया है. पिछले साल यानी 2022 के शुरुआती 6 महीने में यह निर्यात जीरो रहा था. भारत की सरकारी कंपनी नालको रूस की प्राइमरी एलुमिना सप्लायर है. इस साल रूस भारत से 35 लाख टन से ज्यादा एलुमिना खरीद सकता है.


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