रूस के अहंकार और उसके हठधर्मिता का खामियाजा पूरी दुनिया को उठाना पड़ रहा है. रूस के यूक्रेन पर हमले के अंदेशा के चलते दुनियाभर के देशों के फाइनैंशियल मार्केट में हड़कंप मचा हुआ है. कमोडिटी के दामों में आग लगी है. जिसमें कच्चा तेल भी शामिल है जो 2014 के बाद पहली बार 100 डॉलर प्रति बैरल छूने के कगार पर है. अमेरिकी, यूरोपीय और एशियाई देशों के शेयरों बाजारों में हाहाकार मचा हुआ है. माना जा रहा है अमेरिका अपने सहयोगी के साथ मिलकर रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर सकता है.
सोमवार को अमेरिकी शेयर बाजार बंद थे. लेकिन अमेरिकी स्टॉक फ्यूचर्स में जबरदस्त बिकवाली के संकेत मिल रहे हैं. यानि मंगलवार को जब अमेरिकी शेयर बाजार खुलेंगे तो भारी गिरावट देखी जाएगी. S&P 500 फ्यूचर 2 फीसदी तो नैसडैक 2.7 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है. यूरोपीय देशों के शेयर बाजारों में जबरदस्त गिरावट देखी गई और चार महीने के निचले स्तरों पर 1.3 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए. रूस की करेंसी रूबल में लगातार कमजोरी देखी जा रही है तो रूस के स्टॉक एक्सचेंज में 10.5% की गिरावट देखी गई है. ऑस्ट्रेलियाई बाजारों में भी गिरावट देखी जा रही है.
एशियाई बाजारों में भी भारी गिरावट देखी जा रही है. भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत हुई है. तो दूसरे एशियाई शेयर बाजारों में Nikkei में 2.01 फीसदी, Strait Times 0.84 फीसदी Hang Seng 2.95 फीसदी Taiwan 1.63 फीसदी Shanghai 1.36 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं.
दरअसल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को यूक्रेन से अलग आजाद होने की मान्यता दे दी है और रूसी सैनिकों को वहां तैनात करने के आदेश दे दिए हैं जिसके बाद युद्ध का खतरा बढ़ गया है. अमेरिका समेत दुनिया के कई देश रूसी राष्ट्रपति पुतिन के इस कदम की भारी आलोचना कर रहे हैं.
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