Cooking Oil Price: रूस-यूक्रेन की लड़ाई के बीच सस्ते हो गए खाने के तेल, जानें क्या है 1 लीटर सरसों के तेल का भाव?
Edible Oil Price: शनिवार को दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सरसों, मूंगफली (Groundnut), बिनौला तेल, सोयाबीन तेल-तिलहन (Soybean Oil) और सीपीओ एवं पामोलीन तेल सहित सभी खाद्यतेलों के दाम में सुधार आया.
Edible Oil Price: शिकागो एक्सचेंज में कल रात की तेजी के बाद शनिवार को दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सरसों (Mustard), मूंगफली (Groundnut), बिनौला तेल, सोयाबीन तेल-तिलहन (Soybean Oil) और सीपीओ एवं पामोलीन तेल सहित सभी खाद्यतेलों के दाम में सुधार आया. बाजार सूत्रों ने बताया कि शिकागो एक्सचेंज जो आरंभिक कारोबार में मंदा था वह शुक्रवार देर रात में सुधार के साथ बंद हुआ. इस तेजी की वजह से शनिवार को स्थानीय तेल तिलहनों के भाव सुधार दर्शाते बंद हुए. इसके अलावा आयातित तेल के मुकाबले देशी तेल सस्ते होने की वजह से मांग बढ़ने के कारण भी तेल तिलहनों के भाव में सुधार आया.
मूंगफली का तेल 40 रुपये प्रति किलो हुआ सस्ता
सूत्रों ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण सूरजमुखी तेल की आवक काफी कम है और इस तेल की आपूर्ति अर्जेन्टीना से हो रही है. अर्जेन्टीना में सूरजमुखी तेल का दाम बढ़कर 2,300 डॉलर प्रति टन हो गया है, जिसका रिफाइंड तेल देश में लगभग 200 रुपये किलो पड़ता है. इस भाव के मुकाबले मूंगफली का तेल लगभग 40 रुपये किलो सस्ता है और इसलिए सूरजमुखी के विकल्प के बतौर मूंगफली के साथ साथ सरसों की भी खपत बढ़ी है. यह सरसों और मूंगफली तेल तिलहन कीमतों में सुधार का मुख्य कारण है.
मूंगफली की खेती बढ़ाने पर दिया जाए ध्यान
सूत्रों ने कहा कि 80 के दशक में हरियाणा में सूरजमुखी और उत्तर प्रदेश के बरेली, सीतापुर और लखनऊ में मूंगफली की अच्छी पैदावार होती थी. दक्षिणी भारत में भी हर दूसरे महीने किसी न किसी दक्षिणी राज्य से सूरजमुखी की मंडियों में भारी आवक होती थी जो अब बंद हो गयी है. साल 1987 के लगभग सूखे के कारण गुजरात में जब मूंगफली की फसल प्रभावित हुई तो आंध्र में होने वाले मूंगफली की पैदावार ने मूंगफली की कमी को दूर करने में भारी मदद की थी. दक्षिण भारत का मौसम सूरजमुखी की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है इसलिए इन पारंपरिक तिलहन उत्पादक स्थानों पर फिर से सूरजमुखी और मूंगफली खेती को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए.
सूत्रों ने कहा कि सीपीओ की विशेष मांग नहीं है और लोग पामतेल के भाव के आसपास के पामोलीन की खरीद पर जोर दे रहे हैं. विदेशों में इन तेलों के भाव तेज हैं जिससे इनमें सुधार आया है. स्थानीय मांग के कारण बिनौला तेल कीमतों में भी सुधार का रुख रहा. मौजूदा समय में सरसों की अधिक पेराई की जा रही है क्योंकि आयातित तेल महंगे हैं.
आइए चेक करें थोक बाजार में तेल के लेटेस्ट रेट्स
- सरसों तिलहन - 7,725-7,750 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल
- मूंगफली - 6,850 - 6,945 रुपये प्रति क्विंटल
- मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 16,020 रुपये प्रति क्विंटल
- मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,645 - 2,835 रुपये प्रति टिन
- सरसों तेल दादरी- 16,300 रुपये प्रति क्विंटल
- सरसों पक्की घानी- 2,500-2,600 रुपये प्रति टिन
- सरसों कच्ची घानी- 2,550-2,650 रुपये प्रति टिन
- तिल तेल मिल डिलिवरी - 17,000-18,500 रुपये
- सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 17,150 रुपये प्रति क्विंटल
- सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 16,810 रुपये प्रति क्विंटल
- सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 15,720 रुपये प्रति क्विंटल
- सीपीओ एक्स-कांडला- 15,150 रुपये प्रति क्विंटल
- बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 15,350 रुपये प्रति क्विंटल
- पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 16,700 रुपये प्रति क्विंटल
- पामोलिन एक्स- कांडला- 15,450 रुपये (बिना जीएसटी के)
- सोयाबीन दाना - 7,775-7,825 रुपये प्रति क्विंटल
- सोयाबीन लूज 7,475-7,575 रुपये प्रति क्विंटल
- मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये प्रति क्विंटल
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