Russia Ukraine War Impact: यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के हमले के बाद अमेरिका ( United States) और यूरोपीय देशों ( European Countries) ने रूस पर ये सोचकर आर्थिक प्रतिबंध लगाया कि इससे रूस के सामने वित्तीय संकट खड़ा होगा. ग्लोबल फाइनैंशियल सिस्टम ( Global Financial System) से उसे अलग-थलग किया जा सकेगा तो युद्ध लड़ने के लिए उसे पैसे की कमी पड़ेगी. पर इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड ( International Monetary Fund) यानि आईएमएफ का मानना है कि इस आर्थिक प्रतिबंधों के बावजूद रूस ने आर्थिक मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन किया है.
आर्थिक प्रतिबंधों से रूस बेअसर!
आईएमएफ के मुताबिक कच्चे तेल और गैस की बढ़ती कीमतों का रूस को बहुत फायदा हुआ है. इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड ने अपने लेटेस्ट वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में इस वर्ष के लिए रूस के आर्थिक विकास दर यानि जीडीपी के अनुमान को 2.5 फीसदी अपग्रेड किया है. हालांकि अर्थव्यवस्था के करीब 6 फीसदी सिकुड़ने की आशंका जाहिर की है. आईएमएफ के मुताबिक अमेरिका और चीन की अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन नजर आ रहा है. लेकिन दूसरी तिमाही के दौरान रूस की अर्थव्यवस्था में अनुमान से कम गिरावट आई है. कच्चे तेल के दामों में तेजी और नॉन-एनर्जी एक्सपोर्ट्स ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है जिसका फायदा रूस को मिला है.
रूस में मांग में कमी नहीं
दरअसल रूस के यूक्रेन के हमले के बाद कच्चा तेल 139 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंचा था. तो गैस की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी गई. लेकिन आर्थिक प्रतिबंधों के बावजूद देश में जबरदस्त मांग देखी गई जिसका फायदा रूस की अर्थव्यवस्था को मिला है. जबकि रूस के गैस पर निर्भर होने के चलते यूरोप की हालत ज्यादा खराब हुई है. अगर रूस ने यूरोप को गैस एक्सपोर्ट्स पर रोक लगाई और यूरोपियन यूनियन ने रुस के तेल पर प्रतिबंध लगाया तो स्थिति और बिगड़ सकती है.
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