Crude Oil Import: फरवरी के दौरान कच्चे तेल के आयात में बढ़ोतरी देखी गई है. भारत ने रूस से हर दिन 1.6 ​मिलियन बैरल प्रति दिन कच्चे तेल का आयात किया है. ऐसे में भारत के कच्चे तेल में रूस का योगदान 35 फीसदी हो चुका है. इसके बाद इराक और सरुदी अरब दूसरे और तीसरे बड़े सप्लायर हैं. 


वहीं पिछले महीने की बात करें तो जनवरी में इससे 28 फीसदी कम कच्चे तेल का आयात हुआ था, लेकिन इस महीने कच्चे तेल का आयात जनवरी की तुलना में 28 फीसदी ज्यादा है. इसमें इस कारण बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि यूरोपीय यूनियन की ओर से रूसी कच्चे तेल पर प्रतिबंध लगाने से भारतीय रिफाइनरों को ज्यादा आपूर्ति उपलब्ध हुई है.  


पिछले साल फरवरी में रूस से नहीं हुआ था आयात 


भारत ने 2021 में रूस से अपने कच्चे तेल का 1 फीसदी से भी कम आयात किया था और पिछले साल फरवरी में बिल्कुल भी तेल का आयात नहीं किया गया था. रूसी आपूर्ति में उछाल ने इराक और सऊदी अरब को प्रभावित किया है, जिसका भारतीय आयात में संयुक्त हिस्सा फरवरी 2022 में 43 फीसदी से गिरकर 34 फीसदी हो गया है. 


ईंधन तेल का आयात गिरा 


रिफाइनरी प्रोडक्ट का आयात भी रूस से बढ़ा है. नाफ्था का आयात जनवरी में 3,800 बैरल प्रति दिन से 15 गुना बढ़कर फरवरी में 57,000 बैरल प्रति दिन हो गया. हालांकि फरवरी में रूसी ईंधन तेल का आयात एक महीने में एक चौथाई गिरकर 123,000 बैरल प्रति दिन हो गया. 


बता दें कि G-7 देशों ने दिसंबर में क्रूड पर और फरवरी में रिफाइंड उत्पादों पर प्राइस कैप लगाया था. वहीं रूस कई ग्रेड के कच्चे तेल का निर्यात करता है लेकिन इसका मेजर यूराल, जिसमें भारत के रूसी आयात का करीब 80 फीसदी है. ये 60 डॉलर प्रति बैरल की सीमा से नीचे ट्रेड कर रहा है. 


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