Economic Growth: ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ के पूर्वानुमान को 9.5 फीसदी के स्तर पर ही बरकरार रखा है. एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष में महामारी से जुड़ी पाबंदी धीरे-धीरे हटने से अर्थव्यवस्था को पुराने रूप में लौटने में मदद मिली है. साल 2020-21 में महामारी के व्यापक असर से अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी.
कोरोना के साथ जीना सीख रहा भारत
इस रिपोर्ट के मुताबिक, "भारत कोरोनावायरस के साथ जीना सीख रहा है. साल के मध्य में संक्रमण के मामले चरम पर थे, लेकिन अब उनकी संख्या में खासी गिरावट आई है जिससे आवाजाही सुधरी है, उपभोक्ता एवं कारोबारी विश्वास भी बेहतर हुआ है."
9.5 फीसदी पर रखा बरकरार
रेटिंग एजेंसी का मानना है कि बढ़ी मुद्रास्फीति भारत के लिए एक दबाव का मुद्दा है, लेकिन बाह्य मांग आने से वृद्धि को समर्थन मिलना जारी है. ऐसी स्थिति में एस एंड पी ने वर्ष 2021-22 के लिए अपने वृद्धि पूर्वानुमान को 9.5 फीसदी पर ही अपरिवर्तित रखने की बात कही है.
2022-23 में 7.8 फीसदी रह सकती है ग्रोथ रेट
रेटिंग एजेंसी के मुताबिक वर्ष 2022-23 में भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट 7.8 फीसदी रह सकती है. इसके साथ ही उसने वर्ष 2023-24 के लिए वृद्धि दर का पूर्वानुमान 5.7 फीसदी से बढ़ाकर 6.0 फीसदी कर दिया है.
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