सैम पित्रोदा ने भारत में अमीरों की दौलत लेने पर कानून बनाने की वकालत की, विरासत टैक्स का किया जिक्र
Inheritance Tax in India: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने अमेरिका के शिकागो में विरासत कर की पैरवी करते हुए ऐसे ही कानून को भारत में लाने की वकालत की है.
Inheritance Tax in India: भारत में अमीरों-गरीबों के बीच की खाई को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है और राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे पर अपनी विचारधारा के मुताबिक बयान देती रहती हैं. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस देश की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के अमीरों के हित वाली पार्टी होने का आरोप लगाती रहती है. अब इसी मुद्दे पर पार्टी के बड़े नेता ने बड़ा बयान दे दिया है. इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने भारत में अमीरों की दौलत को लेकर एक ऐसा बयान दिया है जो चर्चा का विषय बन गया है.
सैम पित्रोदा ने कर डाली विरासत कर की पैरवी
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने अमेरिका के शिकागो में कहा है कि "अमेरिका में विरासत कर लगता है. अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 फीसदी अपने बच्चों को ट्रांसफर कर सकता है." 55 फीसदी सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है. यह एक दिलचस्प कानून है. यह कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए- पूरी नहीं, आधी. ये जो निष्पक्ष कानून है मुझे अच्छा लगता है.
#WATCH | Chicago, US: Chairman of Indian Overseas Congress, Sam Pitroda says, "...In America, there is an inheritance tax. If one has $100 million worth of wealth and when he dies he can only transfer probably 45% to his children, 55% is grabbed by the government. That's an… pic.twitter.com/DTJrseebFk
— ANI (@ANI) April 24, 2024
सैम ने आगे कहा-हालांकि भारत में आपके पास ऐसा नहीं है. अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता... इसलिए लोगों को इस तरह के मुद्दों पर बहस और चर्चा करनी होगी. मुझे नहीं पता कि अंत में निष्कर्ष क्या होगा लेकिन जब हम धन के रीडिस्ट्रीब्यूशन के बारे में बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात कर रहे हैं जो लोगों के हित में हैं न कि केवल अति-अमीरों के हित में."
सोशल मीडिया पर लोगों ने रखे विचार
एक्स पर आई इस खबर के नीचे नेटिजन्स के कमेंट पढ़कर लगता है कि लोगों में इसको लेकर पहले ही मत बंटे हुए हैं. जहां कुछ लोग सैम के इस सुझाव या विचार पर कड़ी आपत्ति जता रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसे अच्छी पहल साबित करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि इतना तो साफ है कि अमीरों की दौलत लेने और उसे जनता में बांट देने का विचार आम लोगों के लिए तो काफी रोचक हो सकता है लेकिन जो असल कारोबारी या अमीर इस विदेशी कानून से प्रभावित होंगे उनके लिए ये कितना हित में होगा- इस पर सवाल हैं.
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