नई दिल्लीः डेबिट कार्ड पर लगने वाला ट्रांजैक्शन फीस यानी मर्चेंट डिस्काउंट रेट में पहली अप्रैल से बदलाव नही होगा. रिजर्व बैंक ने साफ किया है कि इस चार्ज या एमडीआर में बदलाव के लिए जारी मसौदे पर काफी सुझाव आए हैं जिन पर अभी विचार चल रहा है. जब तक इस बारे में अंतिम कोई फैसला नहीं हो जाता तबतक पहले की ही तरह लागू रहेगा. इसके तहत :-




  • डेबिट कार्ड पर 1000 रुपये तक के लेन-देन पर ट्रांजैक्शन फीस ज्यादा से ज्यादा 0.25 फीसदी यानी 2.5 रुपये होगा

  • वहीं 1000 रुपये से 2000 रुपये तक के बीच के लेन-देन पर ट्रांजैक्शन फीस की सीमा 0.5 फीसदी तय की गयी है. यानी इस सीमा में की गयी लेन-देन पर ट्रांजैक्शन फीस ज्यादा 10 रुपये होगी.

  • ये बात पहले ही साफ की जा चुकी है कि 2000 रुपये से ज्यादा के लेन-देन पर ट्रांजैक्शन फीस की ऊपरी सीमा 1 फीसदी होगी. मतलब ये कि यदि 2500 रुपये का लेन-देन है तो उस पर ज्यादा से ज्यादा ट्रांजैक्शन फीस 25 रुपये हो सकता है. ध्यान रहे कि क्रेडिट कार्ड पर ट्रांजैक्शन फीस की कोई सीमा तय नहीं है. कार्ड जारी करने वाले बैंक अपनी सुविधा के हिसाब से ये चार्ज लगा सकते हैं.


डेबिट कार्ड बनाम क्रेडिट कार्ड
दरअसल, डेबिट कार्ड से किया गया लेन-देन सीधे आपके खाते से जुड़ा होता है. मतलब ये कि आपके खाते में जितनी रकम होगी, उतनी ही तक का कार्ड के जरिए खर्च कर पाएंगे. इसीलिए यहां पर ट्रांजैक्शन फीस को नियमित किया गया है. वहीं क्रेडिट कार्ड पर आपको आज खर्च करने और 45 दिनों के भीतर चुकाने की सुविधा मिलती है, इसीलिए उसपर ट्रांजैक्शन फीस की सीमा 2 से 2.5 फीसदी तक हो जाती है. वैसे गौर करने के बात ये है कि बड़े दुकानों, होटल, शो रुम, रिटेल आउटलेट वगैरह पर कार्ड से भुगतान करने पर आपको अतिरिक्त चार्ज नहीं देना होता, क्योंकि वो अपने मार्जिन से उसका बोझ उठाने की स्थिति में होती है. चूंकि उनके लिए कैश हैंडलिंग पर होने वाला खर्च बच जाता है, इसीलिए वो इस बचत का फायदा आपको दे पाते हैं.


ट्रांजैक्शन फीस की नयी व्यवस्था




  • इस बीच, रिजर्व बैंक ने डेबिट कार्ड पर चार्ज को लेकर फरवरी में जो मसौदा जारी किया था उसके मुताबिक, नयी दरों पर विचार-विमर्श के लिए लेन-देन की सीमा के बजाए कारोबारियों की आय को आधार बनाया गया है. यहां प्रस्ताव किया गया कि

  • 20 लाख रुपये के सालाना कारोबार करने के वाले व्यापारियों के लिए पॉस मशीन पर लेन-देन क लिए सर्विस चार्ज यानी एमडीआर की ज्यादा से ज्यादा दर 0.4 फीसदी होगी.

  • दूसरे शब्दों में कहें तो यदि 1000 रुपये तक का लेन-देन हो तो ज्यादा से ज्यादा ये रकम 4 रुपये हो सकती है. लेकिन यदि एक हजार से ज्यादा मसलन 2000 रुपये का लेन-देन हो तो ये रकम 8 रुपये होगी. इस तरह एक हजार रुपये से कम लेन-देन पर चार्ज बढ़ जाएगा, लेकिन एक हजार से ज्यादा पर कम.

  • बहरहाल, यदि दुकान पर पॉस मशीन के बजाए क्यू आर कोड के जरिए लेन-देन किया गया हो तो वहां पर ज्यादा से ज्यादा चार्ज .0.3 फीसदी होगा. यानी 1000 रुपये के लेन-देन पर 3 रुपया.

  • चार्ज की यही दर बिजली, पानी आदि के भुगतान या फिर आर्मी कैंटीन या बीमा प्रीमियम वगैरह के भुगतान के लिए भी होगी.

  • 20 लाख रुपये से ज्यादा का कारोबार करने वाले व्यापारियों के यहा लेन-देन पर एमडीआर की दर 0.95 फीसदी होगी. यानी एक हजार रुपये पर ज्यादा से ज्यादा 9.5 रुपये का चार्ज.

  • पासपोर्ट के लिए फीस, टैक्स, स्टैंप ड्यूटी, रोड टैक्स या फिर हाउस टैक्स के भुगतान के लिए विशेष दरें तय की गयी है. 1000 रुपये तक के भुगतान पर ये दर 5 रुपये, 1000 से 2000 रुपये के बीच के भुगतान के लिए 10 रुपये और 2000 रुपये से ज्यादा के भुगतान के लिए ज्यादा से ज्यादा 250 रुपये का चार्ज लगेगा.

  • रिजर्व बैंक ने ये साफ किया है कि इन चार्ज के अलावा व्यापारियों या सर्विस देने वालों को ग्राहकों से किसी भी तरह के कंनवियेंस फीस या फिर अतिरिक्त सर्विस चार्ज वसूलने का अधिकार नहीं होगा. रिजर्व बैंक को इसी मसौदे पर अंतिम फैसला लेना है.