Jobs in Saudi Arabia: ग्लोबल स्तर पर आर्थिक मंदी की आशंका के कारण दुनियाभर की कंपनियां लोगों को नौकरी से निकाल रही हैं, जिस कारण दुनियाभर में बेरोजगारी के मामलों में इजाफा हुआ है. इस बीच, सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने रोजगार देने के मामले में पिछले पांच साल में सबसे अधिक बढ़ोतरी दर्ज की है. एक सर्वे के अनुसार, सऊदी अरब ने पांच साल की तुलना में 2022 में ज्यादा नौकरी दी है.
सऊदी अरब ने लगभग पांच वर्षों में रोजगार (Employment) में सबसे मजबूत बढ़ोतरी दर्ज की है, क्योंकि गैर-तेल कंपनियों ने 2022 के अंत में व्यावसायिक गतिविधि में तेज बढ़ोतरी की है. एस एंड पी के एक सर्वे के अनुसार व्यावसायिक गतिविधि में तेजी से रोजगार में बढ़ोतरी हुई है. रियाद बैंक सऊदी PMI दिसंबर में 56.9 पर था, जो विकास को संकुचन से अलग करते हुए 50 अंक से काफी ऊपर था. गेज नवंबर में 58.5 पर पहुंच गया, जो सात साल में सबसे ज्यादा है.
रियाद बैंक में चीफ इकनोमिस्ट नैफ अल-गैथ पीएचडी ने कहा कि पांच साल में नॉन ऑयल सेक्टर (Non Oil Sector) में इतनी बड़ी बढ़ोतरी नहीं हुई थी. यह सऊदी विजन 2030 के तहत निजी क्षेत्र हो रहे सुधारों के कारण हुआ है. इस कारण, दिसंबर में गैर-तेल गतिविधियों में तेजी से बढ़ोतरी और 2022 के अंत तक एक मजबूत श्रम बाजार बना है. दोनों के साथ नौकरियों और वेतन में पहले की तुलना में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है.
मांग पूरा करने के लिए बढ़ाई सेल
उन्होंने कहा कि दिसंबर डाटा के अनुसार आने वाले चौथे तिमाही में भी इसमें बढ़ोतरी जारी रह सकती है. इसने 2023 में गैर-तेल सेक्टर की जीडीपी ग्रोथ 4 फीसदी कर दी है. सर्वे के अनुसार, पीएमआई में उछाल का परिणाम ने बिजनेस एक्टिविटी को और मजबूत किया है. सर्वे में कहा गया है कि फर्मों ने डिमांड को पूरा करने के लिए अपने सेल को बढ़ाया है.
विदेशों से भी ज्यादा संख्या में मिले ऑर्डर
वर्तमान समय में नए ऑर्डर की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है, जो एक महीने की तुलना में 30 फीसदी है. जबकि सेल चार सेक्टरों में ज्यादा हुआ है. इसके अलावा, कंपनियों को विदेशों से भी ज्यादा संख्या में ऑर्डर मिला है. सेल के बढ़ने के साथ ही सऊदी अरब फर्मों ने रोजगार को भी बढ़ाया है. नौकरी देने के मामले में यह पांच साल में सबसे अधिक है.
कर्मचारियों की क्षमता बढ़ने से बकाया काम में कमी
कर्मचारियों की क्षमता में वृद्धि से कंपनियों को लगातार सातवें महीने बकाया काम कम करने में मदद मिली, हालांकि कटौती की दर जून के बाद से सबसे कम थी. वहीं दिसंबर में नौ महीनों में कंपनियों की ओर से चार्ज की गई कीमतें सबसे तेज दर से बढ़ीं.
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