Tax Saving Through Expense: पैसे अपने पर्सनल काम में करिए खर्च और बटुआ भरकर बचाइए इनकम टैक्स, फायदा आपका ही होगा
Tax Saving: आप सिर्फ बचत कर के ही नहीं बल्कि जरूरी खर्चों के जरिये भी इनकम टैक्स का बोझ घटा सकते हैं. आज के इस आर्टिकल में हम ऐसे ही कुछ खर्चों की चर्चा करेंगे.
Income Tax Saving Through Expenses: अप्रैल की शुरुआत के साथ ही हम नए वित्त वर्ष (Financial Year) में प्रवेश कर चुके हैं. विशेषज्ञों की मानें तो किसी भी टैक्सपेयर को टैक्स सेविंग (Tax Saving) की शुरुआत नए वित्त वर्ष के शुरुआत के साथ ही प्लान कर लेना चाहिए ताकि अंतिम समय में गलत फैसले लेने से बचा जा सके. ये उन करदाताओं के लिए महत्वपूर्ण है जिन्होंने पुरानी टैक्स व्यवस्था का चयन किया है. इनकम टैक्स बचाने के तमाम विकल्प बाजार में उपलब्ध हैं. इनमें धारा 80सी (Section 80C) के तहत उपलब्ध विकल्प जैसे म्यूचूअल फंडों की टैक्स सेविंग स्कीम्स (ELSS), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), जीवन बीमा, बैंकों के टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट्स आदि शामिल हैं. ये सारे बचत के विकल्प हैं. हालांकि, अगर आप चाहें तो कुछ जरूरी खर्च के जरिए भी इनकम टैक्स में अच्छी-खासी बचत कर सकते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि किन जरूरी मदों में खर्च कर आप इनकम टैक्स (Income Tax) बचा सकते हैं.
बच्चों की ट्यूशन फीस पर मिलता है डिडक्शन का लाभ
अगर आपने पुरानी टैक्स व्यवस्था चुनी है और टैक्स सेविंग के लिए कहीं निवेश करते की सोच रहे हैं तो यह मत भूलिए कि जिन प्राइवेट स्कूल में आप अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं, उसकी ट्यूशन फीस के भुगतान पर भी धारा 80सी के तहत इनकम टैक्स में कटौती (Deduction) का लाभ मिलता है. इसलिए बचत से पहले इस खर्च पर गौर करें. कैल्कुलेट करें कि धारा 80सी की 1.5 लाख रुपये की सीमा से कितना कम है. बाकी बचे पैसों को आप निवेश के अन्य में लगा सकते हैं.
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम देकर पाएं 1,00,000 रुपये तक की कटौती का लाभ
बदलती जीवनशैली और पर्यावरण में बदलावों की वजह से शायद ही कोई ऐसा खुशनसीब हो जिसे किसी दवा की जरूरत न हो. उम्र बढ़ने की साथ-साथ हेल्थ इश्यूज सामने आने लगते हैं. दूसरी तरफ, सालाना आधार पर देखें तो हेल्थकेयर और हॉस्पिटलाइजेशन के खर्च में बेतहाशा इजाफा होता जा रहा है. इनकम टैक्स में कटौती का लाभ पाने के लिए आपको पर्याप्त हेल्थ इंश्योरेंस कवर लेना चाहिए. आपको भले ही कंपनी की तरफ से ये सुविधा मिली हो, लेकिन अपनी खुद की हेलथ इंश्योरेंस पॉलिसी लेनी जरूरी है. नौकरी जाने या कंपनी छोड़ने की दशा में कंपनी से मिला हेल्थ इंश्योरेंस तत्काल समाप्त हो जाता है. अब सवाल उठता है कि आप हेलथ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर कितने डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं? एक व्यक्ति अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेकर 25000 रुपये तक की कटौती का लाभ पा सकता है. अगर माता-पिता की उम्र 60 साल से कम है तो उनके लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेकर आप अतिरिक्त 25000 रुपये की कटौती का लाभ पा सकते हैं. अगर माता-पिता की उम्र 60 साल से अधिक है तो कटौता का लाभ 50000 रुपये हो जाता है. अगर आप और आपके माता-पिता दोनों की 60 साल से अधिक उम्र के हैं तो आप अधिकतम 1,00,000 रुपये तक की कटौती का लाभ इनकम टैक्स में पा सकते हैं.
गंभीर बीमारियों के इलाज पर होने वाला खर्च पर भी मिलता है डिडक्शन का फायदा
आर्थिक रूप से आप पर निर्भर परिवार का कोई सदस्य अगर गंभीर बीमारी से पीडि़त है तो उसके इलाज पर होने वाले खर्च का क्लेम आप आयकर अधिनियम की धारा 80डीडीबी (Section 80DDB) के अंतर्गत कर सकते हैं. कटौती का यह क्लेम पति या पत्नी, बच्चे, माता-पिता या भाई-बहनों के लिए किया जा सकता है. इस धारा के तहत सिर्फ निवासी भारतीय ही टैक्स डिडक्शन का क्लेम कर सकते हैं. आप इलाज पर होने वाले वास्तविक खर्च या 40,000 रुपये, जो भी कम हो, का दावा कर सकते हैं. वरिष्ठ नागरिकों की गंभीर बीमारियों के इलाज पर खर्च की सीमा 10,00,000 रुपये और 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए भी इसकी सीमा एक लाख रुपये है.
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