ITR Filing: जैसा कि आप जानते हैं कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है और इसे ना भरने पर आपको 5000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा. यहां हम आपकी ITR भरने में मदद करने के लिए सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट के ब्याज पर टैक्स छूट कैसे क्लेम कर सकते हैं- ये बताएंगे.
सेविंग अकाउंट
60 साल से कम उम्र के शख्स के लिए बैंक, को-ऑपरेटिव कमिटी और पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट पर किसी भी वित्त वर्ष के दौरान 10,000 रुपये तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता है. ये कानून आयकर अधिनियम की धारा 80TTA के तहत लागू है.
क्या है इसका मतलब
इसे इस तरह से समझें कि ब्याज के रूप में अगर आपकी 10,000 रुपये से अधिक इनकम होती है तो वह ज्यादा हिस्सा ही दूसरे सोर्स से होने वाली इनकम में शामिल किया जाएगा. इसी पर टैक्सपेयर्स को अपने आयकर स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा.
ध्यान रखने वाली बात
अगर आपके एक ही बैंक में कई अलग-अलग अकाउंट हैं या अलग-अलग बैंक या पोस्ट ऑफिस में सेविंग अकाउंट्स हैं तो उन सभी अकाउंट में मिले ब्याज को जोड़कर देखा जाएगा. इसके बाद अगर ये ब्याज 10,000 रुपये से ज्यादा बैठता है तो उस पर टैक्स लगेगा. बचत खाते में मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस लगाया नहीं जाता है.
फिक्स्ड डिपॉजिट
60 साल से कम उम्र वाले व्यक्ति को फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) या रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आता है. लिहाजा इसे आपकी दूसरे सोर्स से होने वाली इनकम में शामिल किया जाएगा. टैक्सपेयर्स को इस पर अपने इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स चुकाना होगा.
सावधि जमा पर टीडीएस
बैंक और को-ऑपरेटिव कमिटी की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम में मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस काटा जाता है जिसके नियम हैं-
किसी वित्त वर्ष के दौरान एफडी पर 40,000 रुपये से ज्यादा ब्याज मिल रहा है तो बैंक को टीडीएस काटना मैंडेटरी है.
सीनियर सिटीजन्स के मामले में ब्याज की यह सीमा 50,000 रुपये है.
अगर फिक्स्ड डिपॉजिट वाले अकाउंट के साथ PAN दिया है तो FD पर हो रही ब्याज आय पर 10 फीसदी TDS कटता है.
अगर बैंक या को-ऑपरेटिव कमिटी को PAN नहीं दिया है तो 20 फीसदी की दर से TDS काटा जाएगा.
डाकघर में चल रही फिक्स्ड डिपॉजिट पर TDS का प्रोविजन नहीं है.
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