नई दिल्लीः सेविंग एकाउंट से हफ्ते में 24 हजार निकालने की सीमा जल्द हटने की उम्मीद है. आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा है कि रिजर्व बैंक इस पर जल्द फैसला करेगा. माना जा सकता है कि नोटबंदी के बाद शुरू हुई परेशानियां धीरे-धीरे खत्म हो रही है. कुछ दिन पहले ही एटीएम से पैसे निकालने की सीमा तो बढ़कर 24 हजार हो ही चुकी है. अब बचत खातों से पैसे निकालने की लिमिट को भी खत्म किया जा सकता है जिससे जनता को बड़ी राहत मिल सकती है.
क्या हैं कैश निकालने के मौजूदा नियम?
मौजूदा नियम के मुताबिक एक हफ्ते में बचत खाते से 24,000 रुपये निकालने की छूट है. वहीं पिछले हफ्ते रिजर्व बैंक ने 1 फरवरी से एटीएम पर कैश निकालने की लिमिट खत्म कर दी थी जिसके बाद सेविंग बैंक खातों के डेबिट कार्ड से 1 दिन में 24 हजार रुपये निकाले जा सकते हैं. हालांकि बचत बैंक खातों से 24,000 रुपये की साप्ताहिक निकासी लिमिट को तब रिजर्व बैंक ने जारी रखा था जिसे जल्द हटा लिए जाने की बात कही गई थी.
कैश लिमिट हटाने के पीछे ये है वजह
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा है कि पुरानी करेंसी के बदले नयी करेंसी लाने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गयी है. तो अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जल्द बैंकों से साप्ताहिक कैश निकासी की समीक्षा करेगा और इस पर लिमिट को हटा लेगा. रिजर्व बैंक का अनुमान है कि बाजार में नकदी प्रवाह का संकट लगभग खत्म हो गया है और फरवरी अंत तक यह पूरी तरह खत्म हो जायेगा
नोटबंदी के बाद क्या रहे कैश निकलने के नियम?
8 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी का एलान किये जाने के बाद नकदी प्रवाह के संकट को देखते हुए बैंकों से साप्ताहिक कैश निकालने की लिमिट तय हो गई थी. 8 नवंबर को नोटबंदी लागू होने के बाद रिजर्व बैंक ने बैंक से पहले 2000 रुपये और फिर 4000 रुपये प्रति दिन विदड्रॉल की लिमिट तय की थी. वहीं एक हफ्ते में बैंक से पहले 10 हजार और फिर 24,000 रुपये ही निकालने की इजाजत दी गई थी. इस लिमिट को पिछले महीने रिजर्व बैंक ने बढ़ाया था. एक दिन में 10,000 रुपये निकालने की छूट पर सप्ताह में 24,000 की निकासी की लिमिट को बरकरार रखा था. वहीं फिलहाल एक दिन के साथ एक हफ्ते में एटीएम या बैंक से 24 हजार रुपये निकाल सकते हैं. सेविंग बैंक खातों से एक हफ्ते में अधिकतम 24 हजार रुपये निकालने की लिमिट खत्म की जा सकती है.
नोटबंदी के बाद चालू खाते से कैश निकासी की सीमा भी 50 हजार रुपये साप्ताहिक थी जिसे बाद में 1 लाख रुपये किया गया और कुछ दिन पहली ये लिमिट भी खत्म हो गई है.