Types Of Savings Account: बैंक आम लोगों के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है. देश के लगभग हर वर्ग के पास आजकल कम से कम एक बैंक खाता मौजूद है. केंद्र की मोदी सरकार ने बैंकों को आम लोगों के जीवन का हिस्सा बनाने के लिए पीएम जनधन योजना (PM Jan Dhan Account) की शुरुआत की थी. इसके बाद गरीब और ग्रामीण इलाके के लोग भी बैंक खाते का इस्तेमाल करने लगे हैं. आम लोग ज्यादातर बैंकों में सेविंग खाता ही खुलवाते हैं, लेकिन क्या आपको पता हैं कि सेविंग खाता भी अलग-अलग प्रकार का होता है. नौकरी करने वाला व्यक्ति, 18 वर्ष से कम उम्र का बच्चा, महिलाओं आदि सभी के लिए अलग-अलग तरह के सेविंग खाते के विकल्प मौजूद हैं. आइए जानते हैं इन सेविंग खातों के बारे में. इसके साथ ही सभी की पात्रता के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं-
1. रेगुलर सेविंग अकाउंट
आमतौर पर रेगुलर सेविंग्स अकाउंट (Regular Saving Account) सबसे ज्यादा मात्रा में खोले जाते हैं. इस खाते में पैसे जमा करने और निकालने की कोई तय सीमा नहीं होती है. आप जितना चाहें उतनी रकम जमा और निकाल सकते हैं. इस अकाउंट को लोग आमतौर पर अपने पैसे सही तरीके से सेव करके रखने के लिए इस्तेमाल करते हैं. सभी बैंक इस खाते पर मिनिमम बैलेंस की शर्त रखते हैं. अगर आप तय सीमा तक खाते में बैलेंस नहीं मेंटेन करते हैं तो बैंक आप पर जुर्माना भी लगा सकता है.
2. जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट
जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट (Zero Saving Account) में खाताधारकों को करंट और सेविंग दोनों खाते के फायदे मिलते हैं. इस खाते में आप जितनी बार चाहें पैसे निकाल सकते हैं. इसकी कोई सीमा तय नहीं होती है. इसके साथ ही अगर खाते में आप मिनिमम बैलेंस नहीं भी रखते हैं तभी आपको किसी प्रकार की पेनाल्टी नहीं देनी पड़ती है.
3. सैलरी सेविंग अकाउंट
कंपनी अपने यहां काम करने वाले कर्मचारियों का सेविंग खाता खुलवाती है. जिस सेविंग अकाउंट में हर महीने सैलरी आती है इस खाते को सैलरी सेविंग अकाउंट (Salary Saving Account) कहते हैं. इस खाते में भी मिनिमम बैलेंस की कोई सीमा नहीं होती है और अलग-अलग बैंक इस खाते पर ओवरड्राफ्ट की फैसिलिटी देते हैं. अगर इस खाते में लगातार तीन महीने तक सैलरी नहीं आती है तो इसे बाद में रेगुलर खाते में बदल दिया जाता है.
4. महिला सेविंग अकाउंट
जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा है कि महिला सेविंग अकाउंट (Women Saving Account) को खासतौर पर महिलाओं के लिए बनाया गया है. इस खाते में महिलाओं की जरूरतों का ध्यान रखते हुए बनाया गया है. इस खाते पर कम ब्याज दर में लोन, डीमैट अकाउंट के एनुअल चार्ज पर छूट और कई शॉपिंग डिस्काउंट का भी लाभ मिलता है.
5. सीनियर सिटिजंस सेविंग्स अकाउंट
सीनियर सिटिजंस सेविंग्स अकाउंट (Senior Citizen Saving Account) को 60 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों के लिए ही बनाया गया है. इस खाते में रेगुलर सेविंग खाते के मुकाबले ज्यादा ब्याज दर मिलता है. ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह खाता खुलवाना ज्यादा लाभकारी हो सकता क्योंकि इसमें उन्हें ज्यादा ब्याज मिलता है. इसके साथ ही आप इस खाते को सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम अकाउंट से भी जोड़ सकते हैं.
6. बच्चों का सेविंग अकाउंट
बच्चों के लिए भी एक खास सेविंग खाता (Minors Saving Account) होता है. इसमें भी मिनिमम बैलेंस की सीमा तय नहीं होती है. इस खाते को बच्चों की जरूरत जैसे स्कूल की फीस आदि के लेनदेन के लिए डिजाइन किया गया है. इस खाते को 10 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए माता-पिता की देखरेख में खोला जा सकता है.बच्चे के 18 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद इस खाते को रेगुलर सेविंग खाते में बदल दिया जाएगा.
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