एसबीआई को लगा झटका, तीसरी तिमाही में मुनाफे में 7 फीसदी की गिरावट
एसबीआई के शुद्ध मुनाफे में घाटे की वजह फंसे कर्जों के लिए ज्यादा प्रोविजिनिंग है. हालांकि बैंक को उम्मीद है कि इकनॉमी में रिकवरी के साथ ही इसकी बैलेंसशीट मजबूत होगी.
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के शुद्ध मुनाफे में सात फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. ज्यादा प्रोविजिनिंग की वजह से शुद्ध मुनाफे में यह गिरावट आई है. हालांकि बैंक को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2021-22 में इसका क्रेडिट ग्रोथ दहाई अंक में होगा. चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बैंक का नेट प्रॉफिट घट कर 5,196 करोड़ पर पहुंच गया. वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही में शुद्ध मुनाफा 5196 करोड़ रुपये था.
हाई प्रॉविजिनिंग से घटा मुनाफा
बैंक के शुद्ध मुनाफे में कमी की सबसे बड़ी वजह फंसे कर्ज के लिए ज्यादा प्रॉविजन रही. इस वजह से बैंक का मुनाफा प्रभावित हुआ है. बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसकी कुल आय घटकर 75,980.65 करोड़ रुपये रही, जो इससे पिछले वर्ष की समान अवधि में 76,797.91 करोड़ रुपये थी. बैंक ने बताया कि तीसरी तिमाही में एकीकृत आधार पर उसका शुद्ध लाभ 5.8 फीसदी घटकर 6,402.16 करोड़ रुपये रहा, जो इससे एक साल पहले की समान अवधि में 6,797.25 करोड़ रुपये था. तिमाही के दौरान बैंक ने कुल 10342.39 करोड़ रुपये का प्रॉविजन किया जिसमें से 2290.38 करोड़ रुपये की राशि एनपीए के लिए था. पिछले साल बैंक ने 7252.9 करोड़ रुपये को प्रॉविजन किया था.
एनपीए में आई गिरावट
हालांकि एनपीए 31 दिसंबर, 2020 तक कुल एडवांस के मुकाबले घटकर 4.77 फीसदी पर आ गया. एक साल पहले की समान अवधि में बैंक का एनपीए 6.94 फीसदी था. मूल्य के संदर्भ में ग्रॉस एनपीए 1,17,244.23 करोड़ रुपये था. इसी तरह शुद्ध एनपीए घटकर 1.23 फीसदी यानी 29,031.72 करोड़ रुपये रह गया. स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने बताया कि वैक्सीनेशन के मोर्चे पर अच्छी खबर ने इकोनॉमी में रिकवरी की उम्मीदों को बढ़ा दिया है. इसलिए बैंक को दोहरे अंक क्रेडिट ग्रोथ की उम्मीद है.
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