Karnataka Government: कर्नाटक सरकार ने राज्य में सभी सरकारी विभागों को भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक में खातों को बंद करने के आदेश दिए हैं. सभी विभागों को ये आदेश पौरी तौर पर लागू करना होगा और अपने डिपॉजिट्स वापस निरालने होंगे. इन दोनों सरकारी बैंकों में अब से कोई भी डिपॉजिट या निवेश की इजाजत नहीं होगी. इन बैंकों में जमा फंड के कथित हेराफेरी के बाद राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से इस आदेश पर मंजूरी मिलने के बाद राज्य के वित्त सचिवों ने सभी सरकारी विभागों को ये आदेश जारी किया है. इस आदेश में कहा गया कि, भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक में जो राज्य सरकार के विभागों, पब्लिक एंटरप्राइजेज, कॉरपोरेशंस, लोकल बॉडीज, यूनिवर्सिटी के अलावा दूसरे जो भी संस्थानों के बैंक खाते हैं उसे फौरन बंद कर दिए जाएं. आगे से इन दोनों ही बैंकों में कोई भी रकम ना तो डिपॉजिट किया जाएगा और ना इन बैंकों में निवेश किया जाएगा.
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, हम बैंकों पर गबन हुए फंड को लेकर लंबे समय से दबाव बना रहे हैं लेकिन उनका कहना है कि ये मामला न्यायालय के सामने है. स्टेट पब्लिक अकाउंट्स कमिटी ने इन बैंकों के साथ बिजनेस को बंद करने का फैसला किया है जिसके बाद हमें ये सर्कुलर जारी करना पड़ा है. हालांकि इन बैंकों ने फाइनेंस डिपार्टमेंट से संपर्क किया है और जल्द ही मामले को सुलझाने का भरोसा दिया है. बैंकों ने इस मामले को तूल ना देने की अपील की है. सरकार इस मामले को देखेगी.
कर्नाटक में कांग्रेस की नेतृत्व वाली राज्य सरकार और विपक्षी दल बीजेपी के बीच जारी राजनीतिक घमासान के बाद प्रदेश सरकार ने ये फैसला लिया है. राज्य सरकार की कर्नाटक महर्षि वाल्मिकी शेड्यूल्ड ट्राइब्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन इस फंड ट्रांसफर घोटाले के केंद्र में है. कॉरपोरेशन के अकाउंट सुपरीटेंडेंट चद्रशेखर पी के 26 मई को लिखे सुसाइड नोट में इस घोटाले को उजागर किया था. कर्नाटक सरकार का ये आदेश तब आया जब कर्नाटक इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट बोर्ड (KIADB) के जमा 12 करोड़ रुपये को रिडीम करने से इंकार कर दिया गया. इसके अलावा 10 करोड़ रुपये जो कर्नाटक स्टेट पोल्युशन कंट्रोल बोर्ड के जमा थे उसे भी बैंक कर्मचारियों के घोटाले के चलते वापस नहीं किया गया.
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