नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद बैंकों से कई तरह के आंकड़े सामने आ रहे हैं. सीबीआई जांच में सामने आया है कि नोटबंदी के बाद बरेली में भारतीय स्टेट बैंक की एक शाखा में 31 दिसंबर तक काले धन को ठिकाने लगाने के लिये करीब 2000 नये बैंक खाते खोले गये और इनमें कम से कम 8 करोड़ रुपये कीमत के पुराने नोट जमा कराये गये. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई में इस तरह का मामला सामने आने के चलते इस बैंक की साख को धक्का लग सकता है. फिलहाल इस मामले पर एसबीआई ने किसी तरह का स्पष्टीकरण नहीं दिया है.
सीबीआई ने अब इस मामले में अज्ञात बैंक अधिकारियों और अज्ञात लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है. सूत्रों की जानकारी के आधार पर सीबीआई ने उत्तर प्रदेश के बरेली में 2 जनवरी को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की सिविल लाइंस शाखा में औचक निरीक्षण यानी सरप्राइज विजिट की थी जिसमें ये मामला सामने आया.
इस दौरान सीबीआई ने पाया कि पिछले साल 8 नवंबर को नोटबंदी के एलान के बाद एसबीआई की इस बैंक ब्रांच में भारी मात्रा में कैश जमा कराई गई. ये रकम नए खोले गये खातों और फिर से शुरू किये गये निष्क्रिय खातों में डाली गयी. सीबीआई ने पाया कि पिछले साल 8 नवंबर से 31 दिसंबर के बीच बैंक अधिकारियों ने 2441 नए खाते खोले थे. इस तरह बैंक की इस शाखा ने काले धन को खपाने के लिए बैंक के खातों का इस्तेमाल किया.
इन खातों में से 667 सेविंग अकाउंट, 53 करेंट अकाउंट, 94 जनधन खाते, 50 पीपीएफ, 1518 फिक्स डिपॉजिट, 13 उत्सव अकाउंट, 2 वरिष्ठ नागरिक (सीनियर सिटीजन) खाता और एक सरकारी अकाउंट था.
जांच में पाया गया कि बैंक में 794 मौके ऐसे थे जब 1 लाख से ज्यादा की नकद रकम जमा करायी गयी. कुछ मामलों में भारी नकदी भी जमा करायी गयी लेकिन सूत्रों ने इन खातों की जानकारी देने से इनकार कर दिया.