Yes Bank: देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) ने यस बैंक (Yes Bank) में अपनी हिस्सेदारी बेचने का पूरा मन बना लिया है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को पूरी उम्मीद है कि यस बैंक में अपनी 24 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री से उन्हें 18 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा मिल सकते हैं. यस बैंक को खरीदने की रेस में जापान के दो दिग्गज बैंक एसएमबीसी (SMBC) एवं मिजूहो बैंक (Mizuho Bank) और यूएई का एनबीडी (NBD) भी शामिल है. हालांकि, इस रेस में एसएमबीसी के जीतने की ज्यादा उम्मीद है. बैंक के सीईओ इसी हफ्ते एसबीआई और आरबीआई (RBI) के अधिकारियों से वार्ता करने के लिए भारत आने वाले हैं.
एसएमबीसी के सीईओ जल्द आने वाले हैं भारत
सूत्रों के हवाले से आई रिपोर्ट के अनुसार, सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (Sumitomo Mitsui Banking Corporation) के ग्लोबल सीईओ अकीहीरो फुकुतोमे (Akihiro Fukutome) जल्द ही भारत आकर यस बैंक को खरीदने के लिए चर्चा करेंगे. इसके अलावा एनबीडी भी इस डील को लेकर गंभीर है. आरबीआई और एसबीआई इस डील को लेकर अपना मन बना चुके हैं. जल्द ही सभी पक्ष यस बैंक को लेकर निर्णय ले लेंगे. यस बैंक की आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद मार्च, 2020 में आरबीआई ने एसबीआई की मदद से इसे संभाला था.
आरबीआई से नियमों में ढील की मांग कर रहे खरीदार
एसबीआई के साथ ही एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और एलआईसी भी यस बैंक में बड़े हिस्सेदार हैं. एसबीआई के पास 24 फीसदी और इन सभी के पास 9.74 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके अलावा दो प्राइवेट इक्विटी फर्म की यस बैंक में 16 फीसदी हिस्सदारी है. हालांकि, यस बैंक को खरीदने के इच्छुक इन सभी बैंकों ने आरबीआई से नियमों में कुछ ढील की मांग की है.
एसएमबीसी ने 5 अरब डॉलर की वैल्यूएशन लगाई
हाल ही में आई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि यस बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी के लिए एसएमबीसी ने 5 अरब डॉलर की वैल्यूएशन लगाई है. जापानी बैंक ने यस बैंक ने डिटेल भी मांगे हैं. डूबते हुए यस बैंक को बचाने के लिए एसबीआई ने इसमें साल 2020 में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. एसएमबीसी ने जेपी मॉर्गन को इस अधिग्रहण के लिए फाइनेंशियल एडवाइजर और जे सागर को लीगल एडवाइजर नियुक्त किया है.
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