नई दिल्लीः एसबीआई के ग्राहकों को आने वाले समय में थोड़ी राहत की खबर मिल सकती है. हाल ही में अपने ग्राहकों से न्यूनतम बैलेंस न रखने पर भारी-भरकम पेनल्टी वसूलने के चलते एसबीआई सहित कई बैंकों के खिलाफ एक रिपोर्ट आई थी. अब खबरें आ रही हैं कि एसबीआई ग्राहकों के बचत खाते में मिनिमम बैंलेस की सीमा कम कर सकती है. फिलहाल यह मेट्रो बांचेज में 3000 रुपये, अर्बन एरिया में 2000 रुपये और गावों में 1000 रुपये हैं.


जल्द मिल सकती है ग्राहकों को राहत
बता दें कि नए साल पर ब्याज दरों में कमी की घोषणा कर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अपने ग्राहकों को पहले ही तोहफा दे चुकी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैंक इस रकम की सीमा घटाकर 1000 रुपये तक कर सकता है साथ ही खाते में हर महीने निश्चित बैलेंस बनाए रखने की शर्त भी खत्म कर सकता है.

पेनल्टी से कमाए थे 1771 करोड़ रुपए
सेविंग खातों में हर महीने औसत मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर ग्राहकों से जुर्माने के तौर पर भारी मुनाफा कमाने पर चौतरफा कड़ी आलोचना झेल रहे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने आज कहा कि वह मिनिमम बैलेंस और पेनल्टी राशि को फिर से तय करने का विचार कर रहा है. बैंक की शर्तों के मुताबिक ग्राहकों को मिनिमम बैलेंस ना रखने पर जो चार्ज लगता है वो काफी ज्यादा है. इसी के चलते एसबीआई ने इससे अप्रैल से नवंबर 2017 के बीच 1771 करोड़ रुपए कमाए थे.

5 साल बाद बदले थे बैंक ने नियम
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने अप्रैल 2017 में मासिक औसत न्यूनतम राशि (एमएबी) फीस को संशोधित किया था. यह उसने पांच साल के बाद किया था. उसने मेट्रो शहरों के खाते में एमएबी को 5000 रुपये और ग्रामीण इलाकों में 1000 रुपये रखा था. इससे कम राशि पर जुर्माना लगाया था. वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 40.2 करोड़ बचत खाता धारकों वाले इस बैंक ने इस मद में अप्रैल 2017 से नवंबर 2017 के बीच एमएबी पर जुर्माने के तौर पर 1771.67 करोड़ रुपये का लाभ कमाया. यह उसके दूसरी तिमाही के मुनाफे से भी ज्यादा है.

एमएबी की होगी दोबारा समीक्षा
रिटेल और डिजिटल बैंकिंग के लिए बैंक के प्रबंध निदेशक पी. के. गुप्ता ने कहा, ‘‘एमएबी को अप्रैल में लागू करने के बाद से हम इसकी लगातार समीक्षा करते रहते हैं और अक्तूबर में हमने इसे कुछ कम भी किया था. अब हम दोबारा इसकी समीक्षा कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि प्राप्त हुई प्रतिक्रियाओं के आधार पर एमएबी और उस पर जुर्माने की हम समग्र समीक्षा कर रहे हैं. जल्द ही संशोधनों की घोषणा की जाएगी.

जानें कितना लगता है टैक्स
मौजूदा समय में मेट्रो और शहरी इलाकों में बचत खातों के लिए एमएबी 3000 रुपये है जिसके ना रखने पर जुर्माना 30 से 50 रुपये और टैक्स अलग से है. इसी तरह अर्द्धशहरी इलाकों में एमएबी 2000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्र में 1000 रुपये है. इसके ना रखने पर जुर्माना 20 से 40 रुपये और टैक्स अलग से है.