SBI चेयरमैन पद के लिए इंटरव्यू को अचानक FSIB ने किया स्थगित, नई सरकार के गठन के बाद होगी तारीख तय
SBI Chairman Appointment: FSIB इंटरव्यू के बाद अपने चयनित नामों से जुड़े सुझाव सरकार को सौंपती है प्रधानमंत्री अध्यक्षता वाली एसीसी आखिरी फैसला लेती है.
SBI New Chairman: फाइनेंशियल सर्विसेज इंस्टीट्यूशन ब्यूरो (FSIB) ने हैरान वाला कदम उठाते हुए देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय स्टेक बैंक के नए चेयरमैन के लिए उपयुक्त उम्मीदवार के चयन करने के लिए निर्धारित इंटरव्यू को अचानक स्थगित कर दिया है. इंटरव्यू के कुछ घंटे पहले ही इसे स्थगित करने के कारणों का अभी तक पता नहीं लगा है. पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है एसबीआई के चेयरमैन के लिए उपयुक्त उम्मीदवार के इंटरव्यू की तारीख केंद्र में 4 जून, 2024 को लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने पर केंद्र में नई सरकार के गठन के बाद तय की जाएगी.
मौजूदा समय में दिनेश खारा भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन हैं जो 63 वर्ष की आयु होने पर 28 अगस्त 2024 को अपने पद से रिटॉयर होंगे. एसबीआई के चेयरमैन पद के लिए अधिकतम आयु 63 वर्ष है. अभी तक एसबीआई के चेयरमैन की नियुक्ति बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर्स के तौर पर कार्य कर लोगों में से ही की जाती रही है. फाइनेंशियल सर्विसेज इंस्टीट्यूशन ब्यूरो इंटरव्यू के बाद अपने चयनित नामों से जुड़े सुझाव सरकार को सौंपती है जिसपर आखिरी फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमिटी ऑन अप्पाइंटमेंट्स (Cabinet Committee On Appointment) लेती है.
एफएसआईबी (Financial Services Institutions Bureau) की अध्यक्षता फिलहाल डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DOPT) के पूर्व सचिव भानु प्रताप शर्मा कर रहे हैं. एफएसआईबी के दूसरे सदस्यों में वित्तीय मामलों के सचिव, डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज के सचिव और आरबीआई के डिप्टी गनर्वर हैं. इसके अलावा ऑरिएंल बैंक ऑफ कॉमर्स के पूर्व चेयरमैन और एमडी अनिमेश चौहान, आरबीआई के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर दीपक सिंघल और आईएनजी वैश्य बैंक के पूर्व एमडी रहे शैलेंद्र भंडारी पैनल के सदस्य हैं.
मौजूदा चेयरमैन दिनेश खारा का कार्यकाल बीते वर्ष 6 अक्टूबर 2023 को ही खत्म होने वाला था जिसे सरकार ने अगस्त 2024 तक के लिए एक्सटेंड कर दिया था. इससे पहले 6 अक्टूबर 2020 को दिनेश खारा की नियुक्ति एसबीआई चेयरमैन के तौर पर की गई थी. हालांकि इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर एसबीआई के रूख के चलते दिनेश खारा का कार्यकाल विवादों में भी रहा है.
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