नई दिल्लीः हाल ही में एचडीएफसी, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक द्वारा 4 ट्रांजैक्शन से अधिक पर चार्ज लगाने का एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने समर्थन किया है. एसबीआई चीफ ने कहा कि आने वाले दिनों में अधिक ट्रांजैक्शन पर एसबीआई भी चार्ज लगा सकती है.



अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा है कि इन चार्जेज के आने से बैंकों के ग्राहक ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करेंगे. बैंकों को कैश को छापने, एटीएम सेंटर ले जाने, सुरक्षा देने में भी खर्च आता है और इस खर्च को आम करदाता ही भरते हैं. आमतौर पर रोज कैश निकालने का काम बिजनेस करने वाले लोग करते हैं और बैंक चाहते हैं बिजनेस कैशलेस हो जाए जिससे बैंकिंग पर दबाव और खर्च दोनों कम हों. एटीएम से लिमिट तय करने का मकसद भी यही है कि लोग अब एटीएम का उपयोग कम करेंगे क्योंकि इन सब में भी खर्च आते हैं.

अरुंधति भट्टाचार्य ने मेट्रो शहरो में 5000 रुपये तक न्यूनतम बैलेंस पर कहा कि एसबीआई देश में अकेला ऐसा बैंक है जो अन्य बैंकों की तुलना में सबसे कम बैलेंस को अनिवार्य रख रहा है. यह जरुरत सभी बैंक में है जिसे सन 2012 में एसबीआई ने हटा दिया था.

आज के समय एसबीआई के ऊपर काफी ज्यादा बोझ है, बैंक को 11 करोड़ जनधन अकाउंट भी देखने हैं और ये सब मैनेज करने के लिए चार्जेज की जरूरत होती है तो एसबीआई ने जो चार्ज लगाए हैं वो वाजिब ही हैं.

हमने पाया कि ज्यादातर लोग 5000 या उससे ज्यादा अकाउंट में रखते हैं और उनको कोई चिंता नहीं है क्योंकि उन पर कोई चार्ज नहीं लगता है. इस चलन को दूर करना चाहिए. ग्रामीण इलाकों में 1000 रुपये न्यूनतम बैलेंस की जरूरत है जबकि जन-धन पर कोई चार्ज नहीं लगता है. इस तरह बैंकों ने चार्ज भी लगाए हैं तो भी सभी वर्गों का ध्यान रखा है. इसलिए जो बातें चल रही है उसका कोई आधार नहीं है और बैंकों के चार्जेज पर सवाल उठाना सही नहीं है.