RBI Update: आरबीआई ने SBI एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक को लेकर कही ये बड़ी बात, इस सूची में शामिल किया तीनों बैंकों को
Systemaically Important Bank: एसआईबी ऐसे बैंक को कहा जाता है जो टू बिग टू फेल (टीबीटीएफ) की श्रेणी में आते हैं. इन बैंकों के फेल होने का बड़ा असर हो सकता है.
Domestic Systemaically Important Bank: सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और निजी क्षेत्र की दो दिग्गज आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) और एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) को फिर से महत्वपूर्ण घरेलू बैंकों (D-SIBs) के तौर पर चुना गया है. बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक को (डी-एसआइबी) के कैटगरी में शामिल किया है.
डी-एसआइबी के लिस्ट में शामिल होने के लिए बैंकों को कुछ शर्तों को पूरे करने पड़ते हैं. इन बैंकों को जिस बकेट में क्लासिफाई किया गया है उसके मुताबिक कैपिटल कंजर्वेशन बफर के साथ हायर कॉमन इक्विटी टीयर 1 (CET1) को बरकरार रखना जरूरी है. एसबीआई बकेट 4 में शामिल है और बैंक को लिस्ट के मुताबिक 0.80 फीसदी एडिशनल कॉमन इक्विटी टीयर 1 रखना होगा. एचडीएफसी बैंक बकेट 2 में शामिल है और बैंक को 0.40 फीसदी कॉमन इक्विटी टीयर 1 मेनटेन करना होगा. आईसीआईसीआई बैंक बकेट 1 में शामिल है. बैंक को 0.20 फीसदी CET1 बफर रखना होगा. आरबीआई ने कहा कि एसबीआई और एचडीएफसी बैंक के लिए अधिक डी-एसआईबी सरचार्ज एक अप्रैल 2025 से लागू होगा.
एसआईबी ऐसे बैंक को कहा जाता है जो टू बिग टू फेल (टीबीटीएफ) की श्रेणी में आते हैं. इन बैंकों के फेल होने का बड़ा असर हो सकता है. टीबीटीएफ दर्जा के चलते फेल होने पर सरकार ऐसे बैंकों की मदद करती है. आरबीआई ने साल 2023 में इन तीनों बैंकों को डी-एसआइबी के कैटगरी में शामिल किया था. मौजूदा अपडेट 31 मार्च, 2024 तक बैंकों से जुटाए गए डेटा पर आधारित है.
आरबीआई ने डी-एसआईबी को लेकर साल 2014 में फ्रेमवर्क तैयार किया था. और साल 2015 में एसबीआई को और साल 2016 में आईसीआईसीआई बैंक को इसमें शामिल किया गया था. साल 2017 में, एचडीएफसी बैंक को भी इन दोनों बैंकों के साथ सूची में शामिल किया गया.
ये भी पढ़ें
Mutual Fund: अमेरिकी बाजारों में करना चाहते हैं निवेश? इन 5 म्यूचुअल फंड का विकल्प है मौजूद