SBI ने ग्राहकों को किया अलर्ट, YONO के जरिये नहीं दिये जा रहे हैं इमरजेंसी लोन
SBI ने अपने ग्राहकों को उन खबरों से सतर्क रहने के लिए कहा है जिसमें उसके योनो एप के जरिए इमरजेंसी लोन देने की बात कही गई है.
नई दिल्लीः भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने साफ कर दिया कि वह अपने योनो प्लेटफॉर्म के माध्यम से ग्राहकों को किसी तरह का आपातकालीन लोन या इमरजेंसी लोन नहीं दे रहा है.
बता दें कि कुछ खबरों में कहा गया था कि एसबीआई 45 मिनट के भीतर पांच लाख रुपये तक के इमरजेंसी लोन की पेशकश कर रहा है. खबरों में कहा गया है कि यह लोन 10.5 फीसदी की ब्याज दर पर दिया जाएगा और ईएमआई (किस्तें) छह महीने की अवधि के बाद शुरू होगी.
एसबीआई ने इस पर पूरी तरह स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि योनो के माध्यम से एसबीआई इमरजेंसी लोन स्कीम के बारे में व्यापक रूप से खबरें चल रही हैं. हम स्पष्ट करना चाहेंगे कि एसबीआई इस तरह का कोई लोन नहीं दे रहा है. हम अपने ग्राहकों से भी इन अफवाहों पर विश्वास न करने का आग्रह करते हैं. इसको लेकर एसबीआई ने एक ट्वीट के जरिए भी अपने ग्राहकों को अलर्ट किया.
We urge our customers not to believe in any offer or claim circulated on Social Media unless it's validated from our official handles. #StopRumours #FakeNews #FactCheck pic.twitter.com/jtYi8zXVuu
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) May 10, 2020
हालांकि, एसबीआई ने कहा कि वह अपने उन वेतनभोगी ग्राहकों को राहत देने के लिये योनो के माध्यम से एक प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन लोन की पेशकश शुरू करने की प्रक्रिया में है. कोरोना वायरस महामारी से पैदा हुए संकट के चलते जो ग्राहक कैश की कमी की समस्याओं का सामना कर रहे हैं उनके लिए ये सुविधा शुरू करने पर काम चल रहा है.
योनो यानी 'यू ओनली नीड वन', एसबीआई का एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है. इसके जरिये एसबीआई अपने ग्राहकों को बैंकिंग, खरीदारी, जीवन शैली और निवेश की जरूरतों के लिये एक ही जगह समाधान प्रदान करता है. एप की शुरुआत एसबीआई ने 2017 के नवंबर में की थी.
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