नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कारण देश की इकॉनोमी पर काफी बुरा असर देखने को मिला है. कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए लॉकडाउन लागू किया गया था, जिसके कारण उद्योग-धंधे ठप हो गए थे. हालांकि अब कुछ काम धंधे फिर से शुरू हो चुके हैं तो कुछ पूरी तरह से धीरे-धीरे शुरू हो रहे हैं. इस बीच एसबीआई ने इकॉनोमी में सुधार की उम्मीद जताई है.
केंद्र सरकार की ओर से इकॉनोमी को वापस पटरी पर लाने के लिए सुधार के लिए कई कदम भी उठाए गए हैं. इस बीच भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर सुधार के चालू वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी वृद्धि दर के -7.4 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि पहले अनुमान के मुताबिक यह आंकड़ा -10.9 फीसदी था.
सात तिमाही का लगेगा वक्त
भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जीडीपी के कोरोना वायरस महामारी से पूर्व के स्तर पर दोबारा पहुंचने में वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही से सात तिमाहियों का वक्त लगेगा. एसबीआई की शोध रिपोर्ट इकोरैप में कहा गया है कि दूसरी तिमाही के बाद आरबीआई और बाजारों के संशोधित पूर्वानुमानों के बाद अब हम उम्मीद करते हैं कि पूरे साल (वित्त वर्ष 2020-21) के लिए जीडीपी में गिरावट -7.4 प्रतिशत रहेगी.
रिपोर्ट में कहा गया कि संशोधित जीडीपी अनुमान एसबीआई के ‘नाउकास्टिंग मॉडल’ पर आधारित है, जिसमें औद्योगिक गतिविधियों, सेवा गतिविधियों और वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े 41 उच्च आवृत्ति संकेतक शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि इस मॉडल के आधार पर तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 0.1 प्रतिशत के करीब रह सकती है. इसमें कहा गया कि तीसरी तिमाही में 41 उच्च आवृत्ति वाले अग्रणी संकेतकों में 58 प्रतिशत तेजी दिखा रहे हैं.
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