नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई के लिए बुरी खबर आई है और जून तिमाही में एसबीआई को भारी घाटे का सामना करना पड़ा है. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 4876 करोड़ रुपये का भारी-भरकम घाटा हुआ है. हालांकि इस दौरान बैंक की ऐसेट क्वालिटी में सुधार हुआ है. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में एसबीआई ने 2006 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया था.

क्यों एसबीआई के तिमाही नतीजों में दिखा नुकसान
बैंके ने अपने कर्मचारियो के वेतन के लिए हाई प्रोविजनिंग की और इसके ट्रेजरी को हुए नुकसान के कारण एसबीआई के पहली तिमाही नतीजों में इतना भारी घाटा देखा गया है. बैंक ने भारी-भरकम नुकसान के लिए कारोबार की कम आय, बांड पर रिसीविंग बढ़ने आदि को जिम्मेदार ठहराया है. उसने कहा कि पहली तिमाही के दौरान कर्मचारियों पर होने वाला खर्च 25.68 फीसदी बढ़ गया है.

शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बैंक ने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही के दौरान उसकी कुल आय 62,911.08 करोड़ रुपये से बढ़कर 65,492.67 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी. हालांकि बैंक की आय में हुआ ये इजाफा उसके पिछली तिमाहियों में हुई बढ़त के मुकाबले कम ही है.

इस दौरान बैंक के ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट्स (एनपीए) 9.97 फीसदी से बढ़कर 10.69 फीसदी और नेट एनपीए मामूली कम होकर 5.97 फीसदी की तुलना में 5.29 फीसदी पर आ गया. बैंक ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में लोन के लिए कुल प्रोविजनिंग 8,929.48 करोड़ रुपये से दोगुनी होकर 19,228 करोड़ रुपये पर पहुंच गई.