वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने शानदार मुनाफा कमाया है. इस दौरान इसका नेट प्रॉफिट चार गुना बढ़ कर 3,581 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में इसका शुद्ध मुनाफा 838.4 करोड़ रुपये था. एसबीआई को यह शुद्ध मुनाफा एसबीआई के आईपीओ से हासिल रकम की वजह से हुआ है. एसबीआई कार्ड और पेमेंट सर्विसेज में हिस्सेदारी बेचने से इसे 2,731 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी.


बैंक के एनपीए में सुधार दर्ज 


31 मार्च 2020 को खत्म हुई तिमाही बैंक की कुल इनकम 76,027.51 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले यानी 2018-19 की इसी तिमाही के 75,670.5 करोड़ रुपये से ज्यादा है. वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में बैंक का ग्रॉस एनपीए कुल कर्ज का 6.15 फीसदी था. जबकि 2018-19 में इसी तिमाही के दौरान यह कुल कर्ज का 7.53 फीसदी था. यानी बैंक के एनपीए में सुधार हुआ है.


वित्त वर्ष 2019-20 में बैंक की शुद्ध ब्याज आय ( NII) भी 11.02 फीसदी बढ़ गई. वित्त वर्ष 2018-19 में ब्याज से होने वाली शुद्ध आय थी 76,898 करोड़ रुपये, जबकि 2019-20 में यह बढ़ कर 92,377 करोड़ रुपये हो गई.


चौथी तिमाही में एसबीआई की प्रोविजनिंग 7,253 करोड़ रुपये से बढ़कर  13,495 करोड़ रुपये हो गई है. सालाना आधार पर चौथी तिमाही में एसबीआई की प्रोविजनिंग 16,502 करोड़ रुपये से घटकर 13,495 करोड़ रुपये हो गई है. बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार के मुताबिक बैंक के 21.8 फीसदी ग्राहकों ने मोरेटोरियम (कुछ वक्त तक ईएमआई न चुकाने की मोहलत)  की सुविधा ली है. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में बैंक की 98 फीसदी शाखाओं में कामकाज हुआ. चौथी तिमाही में डिपोजिट और लोन में बैंक का मार्केट शेयर बढ़ा है.