(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
SBI कस्टमर्स को झटका! सेविंग अकाउंट की ब्याज दरों में कमी और MCLR में बढ़ोतरी, यहां चेक करें डिटेल
SBI Saving Account: बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक बैंक सेविंग खाते पर अपने ग्राहकों को 10 करोड़ रुपये से कम की राशि पर 2.70% ब्याज दर ऑफ कर रहा हैं.
State Bank of India: स्टेट बैंक (SBI) के करोड़ों ग्राहकों को दिवाली से पहले बड़ा झटका लगा है. बैंक ग्राहकों को दोहरी मार देते हुए अपने सेविंग खाते (Saving Account) की ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला किया है. इसके साथ ही अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स (Marginal Cost of Lending Rates) में भी बढ़ोतरी किया है. सेविंग खाते में बैंक ने 5 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की है. यह कटौती 10 करोड़ रुपये से कम के डिपॉजिट पर की गई है. इसका मतलब है कि आम लोगों पर इस कटौती का सीधा असर पड़ेगा. वहीं बैंक ने इसके साथ ही बल्क के डिपॉजिट्स यानी 10 करोड़ से ज्यादा की राशि पर सेविंग खाते में ब्याज दर बढ़ाने का फैसला किया है. यह बढ़ोतरी 25 बेसिस प्वाइंट्स पर की गई है. बैंक की सेविंग खाते की की नई दरें 15 अक्टूबर 2022 से लागू हो चुकी हैं.
सेविंग खाते की ब्याज दरें
बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक बैंक सेविंग खाते पर अपने ग्राहकों को 10 करोड़ रुपये से कम की राशि पर 2.70% ब्याज दर ऑफ कर रहा हैं. वहीं पहले बैंक इस डिपॉजिट पर 2.75% ब्याज दर ऑफर कर रहा था. वहीं 10 करोड़ रुपये से ज्यादा के डिपॉजिट पर बैंक कस्टमर को 2.75% ब्याज दर ऑफर कर रहा हैं.
वहीं बैंक ने अपने एफडी रेट्स पर भी इजाफा करने का फैसला किया है बैंक 2 करोड़ रुपये से कम के डिपॉजिट्स पर 10 से 20 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. स्टेट बैंक सामान्य नागरिकों को 3% से लेकर 5.85% तक ब्याज दर ऑफर कर रहा हैं. वहीं वरिष्ठ नागरिकों को 3.50% से लेकर 6.65% तक ब्याज दर ऑफर किया जा रहा है.
SBI ने बढ़ाया एमसीएलआर
भारतीय स्टेट बैंक ने MCLR रेट यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (Marginal Cost of Lending Rates) ने 20 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा किया है. यह नई दरें 15 अक्टूबर से लागी हो चुकी हैं. ध्यान देने वाली बात ये है कि एमसीएलआर में बढ़ोतरी का सीधा असर बैंक की होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन की ब्याज दर पर पड़ा है. बैंक के इस फैसले के बाद करोड़ों ग्राहकों को पर ईएमआई का बोझ बढ़ेगा. ज्यादातर ग्राहक लोन साल के मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट पर लेते हैं. आइए जानते हैं अलग-अलग अवधि के MCLR के बारे में-
- ओवरनाइट MCLR-7.60%
- 1 महीने MCLR-7.60%
- 3 महीने MCLR-7.60%
- 6 महीने MCLR-7.90%
- 1 साल MCLR-7.95%
- 2 साल MCLR-8.15%
इन बैंकों ने भी बढ़ाया MCLR
देश में बढ़ती महंगाई को कंट्रोल करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया लगातार अपनी ब्याज दरों में कर रहा हैं. 30 सितंबर को केंद्रीय बैंक की हुई समीक्षा बैठक के बाद बैंक ने लगातार चौथी बार अपने रेपो रेट में बढ़ोतरी की है. इसके बाद से ही कई बैंकों जैसे कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) और फेडरल बैंक (Federal Bank) ने अपनी MCLR में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. इस साल रेपो रेट 4.00% से बढ़कर 5.90% तक पहुंच चुका हैं. रेपो रेट में इजाफा का सीधा असर बैंक के लोन के ब्याज दर पर पड़ा है.MCLR के अनुसार ही लोन की ब्याज दरें बैंक द्वारा तय की जाती है. इसके साथ ही बैंक अपने एफडी रेट्स और सेविंग अकाउंट रेट्स में भी लगातार इजाफा कर रहे हैं.
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