SBI Report: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को उम्मीद है कि अगले साल मार्च तक भारत में महंगाई दर लगभग पांच फीसदी हो जाएगी. एक रिसर्च रिपोर्ट में एसबीआई ने कहा कि भारत सरकार द्वारा जून 2022 के लिए जारी 7.01 फीसदी महंगाई दर इस बात की पुष्टि करती है कि अब ये दर नीचे ही आएगी.
सीपीआई महंगाई दर कम हो रही है
एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक सप्लाई फैक्टर्स के चलते महंगाई दर सितंबर 2021 के बाद बढ़ने लगी, जबकि मांग आधारित कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) कमोबेश स्थिर रही. दोनों फरवरी 2022 के बाद (रूस-यूक्रेन संघर्ष की शुरूआत के बाद से) एक साथ आगे बढ़ रहे हैं. हालांकि, हाल के महीनों में मांग के कारण सीपीआई महंगाई दर थोड़ी बढ़ गई है, जबकि सप्लाई की वजह से सीपीआई महंगाई दर कम हो रही है.
सप्लाई फैक्टर्स के कारण महंगाई दर में गिरावट का रुझान
एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई को दरों में और वृद्धि करनी पड़ सकती है, हालांकि सप्लाई फैक्टर्स के कारण महंगाई दर में साफ तौर पर गिरावट का रुझान दिख रहा है. पिछले 12 महीनों की कोर महंगाई दर को देखें तो ये कोर महंगाई दर अप्रैल में अपने चरम से नीचे चली गई है. ट्रांसपोर्ट और टेलीकम्यूनिकेशन के योगदान में गिरावट अप्रैल में 1.7 फीसदी से जून में 1.1 फीसदी तक गिरने के कारण देखी जा चुकी है. कोर सीपीआई में गिरावट मोटे तौर पर पिछले महीनों में उच्च महंगाई दर के प्रभाव के कारण मांग में गिरावट का असर है.
नए निवेश की घोषणा घटी
एसबीआई ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में बताया है कि महाराष्ट्र जैसे प्रमुख राज्य में फ्यूल (ईंधन) पर वैट में कटौती हो सकती है. बुरी खबर यह है कि वित्त वर्ष 2023 में नई निवेश की घोषणा लगभग 27 फीसदी घटकर 4.35 लाख करोड़ रुपये रह गई है जबकि वित्त वर्ष 2022 में 5.99 लाख करोड़ रुपये थी. इसके असर से निवेशकों और फर्मों को कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
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