Cyber Security: नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते समय लोग किसी धोखाधड़ी का शिकार न हो जाए इसके लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समय-समय पर अलर्ट जारी करता रहते हैं. बैंक ने एक बार फिर अपने ग्राहकों के लिए एक बार फिर अलर्ट जारी किया है.


बैंक ने ग्राहकों को निजी और वित्तीय जानकारी के चोरी होने का खतरा जताया है. एसबीआई ने अपने कस्टमर्स को एक सिक्योरिटी टिप भी दी है. एसबीआई ने पिछले दिनो किए ट्वीट में कहा है कि 'आपकी सुरक्षा ही हमारी प्राथमिकता है! इस सिक्यॉरिटी टिप के बारे में जानें जो आपके पर्सनल और फाइनैंशल डेटा को चोरी करने से बचा सकती है.' 


 






बैंक ने कहा, 'केवल वेरिफाइड सोर्स से ही एप्स डाउनलोड करें. किसी अनजान व्यक्ति की सलाह पर किसी एप को डाउनलोड ना करें.'बैंक ने कहा है कि ग्राहकों को अलर्ट रहने की जरूरत है क्योंकि हो सकता है कि साइबर ठग आपका OTP, PIN और CVV जैसी जानकारी को रिमोटली ही पढ़ लें.


बता दें पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साइबर धोखाधड़ी के कारण वित्तीय नुकसान को रोकने के लिए शिकायत करने के एक मंच और राष्ट्रीय हेल्पलाइन 155260 की शुरुआत की है.


मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय हेल्पलाइन और रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म साइबर धोखाधड़ी के शिकार हुए लोगों को उनकी गाढ़ी कमाई के नुकसान को रोकने के लिए ऐसे मामलों की शिकायत करने का एक तंत्र प्रदान करता है.


हेल्पलाइन की सीमित स्तर पर एक अप्रैल, 2021 को शुरुआत की गयी थी. हेल्पलाइन 155260 और इसके रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), सभी प्रमुख बैंक, भुगतान बैंक, वॉलेट और ऑनलाइन मर्चेंट के सहयोग और समर्थन से गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) द्वारा चालू किया गया है.


वर्तमान में इसका उपयोग 155260 के साथ सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (छत्तीसगढ़, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश) द्वारा किया जा रहा है, जो देश की 35 प्रतिशत से अधिक आबादी को कवर करता है. जालसाजों द्वारा ठगे गए धन के प्रवाह को रोकने के लिए अन्य राज्यों में इसे शुरू किया जा रहा है.


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