SBI General Insurance and SBI Payment: देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) ने अपनी सब्सिडियरी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने का प्लान तैयार कर लिया है. मगर, इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) इन कंपनियों को मजबूत करने पर काम करेगा ताकि निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिल सकें. एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा (Dinesh Kumar Khara) ने कहा कि फिलहाल वह एसबीआई जनरल इंश्योरेंस (SBI General Insurance) और एसबीआई पेमेंट (SBI Payment) को मजबूत करने पर काम कर रहे हैं. इससे इन कंपनियों की वैल्यूएशन बढ़ेगी और एसबीआई को बेहतर रिटर्न मिल पाएगा.


कंपनियों की वैल्यूएशन अच्छी होने पर जुटाया जाएगा पैसा 


दिनेश कुमार खारा ने कहा कि जब सब्सिडियरी कंपनियों की वैल्यूएशन अच्छी हो जाएगी तो कैपिटल मार्केट के जरिए पैसा जुटाया जाएगा. हालांकि, फिलहाल एसबीआई जनरल इंश्योरेंस और एसबीआई पेमेंट को लेकर कई योजनाओं पर काम चल रहा है. इनकी मार्केट वैल्यू बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. इन्हें कैपिटल मार्केट में चालू वित्त वर्ष में नहीं उतारा जाएगा. इसके बाद इन दोनों कंपनियों में एसबीआई की हिस्सेदारी बेचने पर काम किया जाएगा.  


एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के नेट प्रॉफिट में उछाल 


31 मार्च, 2024 को समाप्त हुए वित्त वर्ष के दौरान बैंक ने एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में 489.67 करोड़ रुपये की पूंजी डाली है. कंपनी ने कर्मचारियों को ईएसओपी (ESOP) भी दिया है. इसके चलते इस कंपनी में एसबीआई की हिस्सेदारी 69.95 फीसदी से घटकर 69.11 फीसदी हो गई है. मार्च, 2024 को समाप्त वित्त वर्ष में एसबीआई जनरल इंश्योरेंस का नेट प्रॉफिट 30.4 फीसदी बढ़कर 240 करोड़ रुपये हो गया है. इससे पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का नेट प्रॉफिट 184 करोड़ रुपये रहा था. 


एसबीआई पेमेंट सर्विसेज का नेट प्रॉफिट घटा 


एसबीआई पेमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड मर्चेंट एक्वायरिंग बिजनेस में है. इसका 74 फीसदी मालिकाना हक एसबीआई के पास है और बाकी का हिताची पेमेंट सर्विसेज (Hitachi Payment Services) के पास. एसबीआई पेमेंट्स के पास 31 मार्च, 2024 तक 33 लाख से जायदा मर्चेंट थे. इनमें लगभग 13 लाख पीओएस मशीनें भी शामिल हैं. हालांकि, वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी का नेट प्रॉफिट पिछले वर्ष के 159.34 करोड़ रुपये के मुकाबले घटकर 144.36 करोड़ रुपये रह गया है. 


कॉर्पोरेट सेक्टर में लोन की मांग बढ़ रही


दिनेश कुमार खारा ने कहा कि कॉर्पोरेट सेक्टर में लोन की मांग बढ़ रही है. करीब 5 ट्रिलियन रुपये के लोन पाइपलाइन में हैं. कंपनियां अपने प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए तेजी से फंड जुटाने की कोशिशों में लगी हुई हैं. कंपनियां हमारे पास भी लोन के लिए आ रही हैं. हम इन प्रस्तावों को लपकने के लिए तैयार हैं. 


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