नई दिल्लीः आम जनता के लिए आधार से जुड़ी राहत की खबर आई है. सुप्रीम कोर्ट ने आधार को सेवाओं से लिंक कराने की आखिरी तारीख को बढ़ा दिया है. कोर्ट ने कहा जब तक आधार योजना की वैधता पर संविधान पीठ का फैसला नहीं आता तब तक लिंकिंग अनिवार्य नहीं है. यानी जब तक सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ आधार को लिंक कराने से जुड़े मामले पर फैसला नहीं देती तब तक आधार कार्ड को लिंक कराने की जरूरत नहीं है.
पहले सभी सरकारी सेवाओं और सर्विसेज का फायदा लेने के लिए 31 मार्च तक आधार कार्ड को इनसे लिंक कराने के लिए सरकार ने डेडलाइन दी थी. लिहाजा आज सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से आम जनता को काफी राहत मिलेगी.
पैन कार्ड और बैंक एकाउंट के साथ ही मोबाइल नंबर, शेयर स्टॉक्स, क्रेडिट कार्ड, एलपीजी कनेक्शन, इंश्योरेंस, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट और किसान विकास पत्र, म्यूचुअल फंड जैसी सभी स्कीम और सुविधाओं को आधार नंबर से लिंक करने की आखिरी तारीख 31 मार्च बताई गई थी लेकिन अब इसे बढ़ा दिया है.
कल ही हमने आपको खबर दी थी कि भी सुप्रीम कोर्ट में आधार कार्ड को लेकर दाखिल याचिकाओं में इस बात को लेकर स्थिति साफ नहीं है कि आधार को सेवाओं से लिंक कराने की तारीख आगे बढ़ेगी या नहीं, हालांकि ये कहा जा रहा था कि अगर सुनवाई 31 मार्च 2018 से आगे चलेगी तो आधार कार्ड को सेवाओं से लिंक कराने की तारीख आगे बढ़ सकती है और आज ऐसा ही हुआ.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
आज आधार पर बड़ी सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में पांच जजों की की संवैधानिक बेंच ने कहा कि जब तक इस मामले पर फैसला नहीं आ जाता तब तक जरूरी नहीं होगा कि अलग-अलग सेवाओं के साथ आधार कार्ड को लिंक किया जाए. सरकार आधार लिंकिंग के लिए फिलहाल किसी को मजबूर नहीं कर सकती है. हालांकि शीर्ष अदालत की तरफ से ये बात सामने आई है कि लाभकारी योजनाओं और सरकारी सब्सिडी के जिन मामलोंमें आधार लिंक की समयसीमा तय की गई है वो पहले की तरह लागू रहेगी.
क्या है आधार
आधार 12 अंकों का विशिष्ट पहचान पत्र है जो कि देश के नागरिकों के लिए पहचान का प्रमाण पत्र है. आधार पर साफ लिखा रहता है कि आधार पहचान का प्रमाणपत्र है नागरिकता का नहीं.