E-Gaming: सुप्रीम कोर्ट ने ई-गेमिंग कंपनियों पर 28 फीसदी GST के खिलाफ याचिकाएं अपने पास ट्रांसफर की
E-Gaming Case: सुप्रीम कोर्ट के तीन जज के बेंच ने केंद्र की याचिका मंजूर करते हुए उसे ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों की लंबित याचिकाओं पर 20 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा है.
E-Gaming Case: सुप्रीम कोर्ट ने ई-गेमिंग कंपनियों पर 28 फीसदी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लगाये जाने के खिलाफ नौ हाई-कोर्ट में दाखिल याचिकाओं को अपने पास ट्रांसफर कर लिया है. ई-गेमिंग कंपनियों पर 28 फीसदी जीएसटी के खिलाफ दायर याचिकाएं न्यायालय ने अपने पास ट्रांसफर करने के लिए केंद्र की याचिका शुक्रवार को स्वीकार कर ली गई. इसके तहत केंद्र सरकार ने इन पर प्रामाणिक निर्णय संबंधी सभी 27 पिटीशन अब सुप्रीम कोर्ट में देखी जाएंगी.
तीन जजों की बेंच ने केंद्र की याचिका की मंजूर
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने केंद्र की याचिका मंजूर करते हुए उसे ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों की लंबित याचिकाओं पर 20 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा है. पीठ ने एक नोडल वकील को भी नियुक्त किया है, जो मामले में रिकॉर्ड इकट्ठा करेगा. अब इन याचिकाओं पर मई के पहले हफ्ते में सुनवाई होगी.
ड्रीम 11, गेम्स 24x7 और हेड डिजिटल वर्क्स जैसी कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने जीएसटी लगाए जाने को चुनौती देते हुए देश की सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक ऑनलाइन गेमिंग कंपनी को जारी 21 हजार करोड़ रुपये के जीएसटी सूचना नोटिस रद्द करने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी थी.
जीएसटी काउंसिल ने जुलाई और अगस्त में लिया था फैसला
जीएसटी काउंसिल ने जुलाई और अगस्त में अपनी बैठकों में ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ को टैक्सेबल कार्रवाई दावों के रूप में शामिल करने के लिये कानून में संशोधन को मंजूरी दी थी. साथ ही साफ कर दिया था कि ऐसे मामले में दांव में लगी पूरी राशि पर 28 फीसदी माल और सेवा कर (जीएसटी) लगेगा.
दिसंबर में संसद में सरकार ने दी थी जानकारी
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दिसंबर 2023 में इस बारे में राज्य सभा में जानकारी दी थी. इसके तहत बताया गया था कि वित्त वर्ष 2022-23 और इस वित्त वर्ष में अक्टूबर तक ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को 71 कारण बताओ नोटिस भेजे गए. एक सवाल के लिखित जवाब में उन्होंने बताया कि ये नोटिस जीएसटी के बकाए को लेकर हैं. नोटिस के हिसाब से ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर जीएसटी का बकाया 112 हजार करोड़ रुपये है.
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