Oilmeals Exports: भारत के खली निर्यात में जबरदस्त इजाफा! अप्रैल-नवंबर के बीच Export हुआ 23.92 लाख टन के पार
Oilmeals Export in Nov: SEA के आकड़ों के मुताबिक नवंबर 2022 साल 2021 के मुकाबले खली के निर्यात में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है और यह अप्रैल-नवंबर के बीच 23.92 लाख टन के पार चला गया है.
Oilmeals Exports: भारत में तिलहन के उत्पादन और निर्यात को लेकर बड़ी खबर है. वित्त वर्ष 2022-2023 में अप्रैल से नवंबर 2022 के बीच रैपसीड के निर्यात (Rapeseed Export) में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिली है. भारत ने इन 6 महीनों के दौरान खली के निर्यात (Oilmeals Exports) लगभग डेढ़ गुना तक बढ़ाया है और यह बढ़कर अब 23.92 लाख टन पर पहुंच गया है. इन आंकड़ों को उद्योग निकाय SEA ने जारी किए हैं. वहीं पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में यह आंकड़ा केवल 15.96 लाख टन था. आपको बता दें कि तिलहन की खली का इस्तेमाल मवेशियों के चारे के लिए किया जाता है.
खली के निर्यात में दर्ज की गई जबरदस्त बढ़ोतरी-
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Solvent Extractors Association of India) के आंकड़ों के अनुसार तिलहन की खली के इस निर्यात के आंकड़े ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. इससे पहले वित्त वर्ष 2011-12 में इससे पहले इतनी बड़ी संख्या में भारत ने तिलहन की खली का निर्यात किया था.
नवंबर के महीने की बात करें तो भारत ने करीब 4.07 लाख टन खली का निर्यात अकेले नवंबर के महीने में किया है. वहीं पिछले साल इस दौरान केवल 1.63 लाख टन खली का निर्यात किया गया था. ऐसे में पिछले साल के मुकाबले इस साल तिलहन के निर्यात में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वहीं 8 महीने की बात करें तो इस साल यह आंकड़ा 23.92 लाख टन हैं. वहीं पिछले साल इस दौरान खली का निर्यात 15.96 लाख टन था. ऐसे में खली के 8 महीने निर्यात में भी जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
खली निर्यात में बढ़ोतरी के पीछे का कारण
आपको बता दें इस वित्त वर्ष के पहले 8 महीनों में सोयाबीन के प्राइस में पिछले साल के मुकाबले बड़ी कमी देखी गई है. पिछले साल सोयाबीन का प्राइस अप्रैल से नवंबर के महीने में 10,500 रुपये प्रति क्विंटल था जो अब घटकर 5,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. ऐसे में प्राइस में कमी के कारण निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. इसके साथ ही रुपये की गिरती कीमतों का असर भी निर्यात पर पड़ रहा है.भारत से हर साल सबसे ज्यादा रैपसीड खली दक्षिण कोरिया, वियतनाम, थाईलैंड और कई दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में निर्यात करता है.
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