SEBI Board Meeting: शेयर बाजार में लिस्टेड टॉप 100 कंपनियों के बाजार में कंपनी को लेकर सामने आ रहे किसी भी खबर को कंफर्म या उसका खंडन 12 घंटे के भीतर स्टॉक्स एक्सचेंज पर करना होगा. सेबी ने ये आदेश बाजार में ज्यादा पारदर्शिता लाने के साथ समय सीमा के भीतर किसी भी घटना के डिस्कोलजर को सामने लाने के लिए ये आदेश दिया है. 


सेबी ने कहा कि शेयर बाजार में मार्केट कैपिटलाईजेशन के लिहाज से लिस्टेड टॉप 100 कंपनियों पर ये नियम एक अक्टूबर 2023 से लागू हो जाएगा. और एक अप्रैल 2024 से टॉप 250 कंपनियों पर ये नियम लागू होगा. सेबी ने ये भी कहा है कि कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग के 30 मिनट के भीतर बोर्ड मीटिंग से उभरने वाली भौतिक घटनाओं या डिक्लोजर को एक्सचेंजों के सामने लेकर आना होगा.  सेबी प्रमुख माधबी पुरी चुग ने इस बात की जानकारी दी है. 


दरअसल बाजार में जब भी किसी लिस्टेड कंपनी को लेकर कोई अफवाह सामने आती है तो कंपनी की ओर से इसपर सफाई देने में एक दो दो दिन तक का समय लगा दिया जाता है. और इस दौरान स्टॉक में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. 


इससे पहले सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच ने कहा कि सेबी सेकेंडरी मार्केट में भी एएसबीए (ASBA) जैसी फैसेलिटी को लॉन्च करने जा रही है. आईपीओ में निवेशक एएसबीए के नियम के तहत निवेश करते हैं जिसमें  निवेश किए जाने वाला रकम खाते में ब्लॉक कर दिया जाता है और उसपर ब्याज भी मिलता रहता है. माधबी पुरी बुच ने कहा कि स्टॉक ब्रोकर्स द्वारा धोखाधड़ी या बाजार के दुरुपयोग को रोकने और पता लगाने के लिए एक संस्थागत तंत्र तैयार करने की रूपरेखा को मंजूरी दी है. सेबी ने प्राइवेट इक्विटी फंड्स को म्यूचुअल फंड स्कीमों के स्पांसर बनने की इजाजत दे दी है. 


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