SEBI Action on Bombay Dyeing Industry Limited: देश में आज सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) ने बड़ा एक्शन लिया है. सेबी ने बॉम्बे डाइंग एंड मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड (Bombay Dyeing and Manufacturing Company Limited) और इसके प्रमोटर्स नुस्ली एन वाडिया (Nusli N Wadia), नेस वाडिया (Ness Wadia) और जहांगीर वाडिया (Jehangir Wadia) को 2 साल तक सिक्योरिटी मार्केट में लेनदेन करने से रोक लगा दी है. साथ ही कंपनी के वित्तीय बयानों को गलत तरीके से पेश करने पर कुल 15.75 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.


पाबंदी और जुर्माना 
सेबी ने वाडिया समूह (Wadia Group) की कंपनी स्काल सर्विसेज लिमिटेड (Skal Services Limited) और इसके तत्कालीन निदेशक डी एस.गगरात, एन.एच.दतनवाला, शैलेश कार्णिक, आर चंद्रशेखरन और बॉम्बे डाइंग के संयुक्त प्रबंध निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी दुर्गेश मेहता पर भी यह पाबंदी और जुर्माना लगाया गया है. साथ ही सेबी ने अपने आदेश में कहा कि जुर्माना भरने के लिए आरोपियों को 45 दिन का समय दे दिया है.


ऐसे समझे पूरा मामला
सेबी को कुछ शिकायतें मिलने पर साल 2011-12 और 2018-19 की अवधि के लिए बॉम्बे डाइंग एंड मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड को लेकर जांच की थी. इसमें सेबी को पता चला कि ये कंपनियां वित्तीय बयानों को गलत तरीके से पेश करने की योजना में शामिल हैं.


जांच में क्या पता चला 
जांच में पता चला कि ये कंपनियां, बीडीएमसीएल की ओर से स्काल को 2011-12 और 2017-18 के बीच फ्लैटों की कथित बिक्री से मिले 2,492.94 करोड़ रुपये और 1,302.20 करोड़ रुपये के मुनाफे को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने और बीडीएमसीएल की वित्तीय जानकारी को गलत तरीके से पेश करने की धोखाधड़ी की योजना में शामिल थीं. सेबी का कहना है कि स्काल (Skal) का शेयरहोल्डर स्ट्रक्चर ऐसा बनाया था कि सीधे तौर पर बीडीएमसीएल की इसमें महज 19 फीसदी हिस्सेदारी थी, लेकिन स्काल के दूसरे शेयरहोल्डर्स में अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी के जरिए स्काल की पूरी शेयर पूंजी पर उसका पूरा कब्जा कर लिया था.


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