(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sebi Action: सेबी ने 10 संस्थाओं पर लगाया 50 लाख रुपये का बड़ा जुर्माना, जानें क्या था पूरा मामला
Sebi Fine on 10 entities: सेबी ने अपने जांच में 10 संस्थाओं को गलत तरीके से ट्रेडिंग करने का आरोपी पाया है, जिस कारण इनपर जुर्माना लगाया गया है.
Sebi Fine on 10 entities: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बुधवार को बीएसई पर अवैध स्टॉक ऑप्शंस सेगमेंट में गैर-वास्तविक व्यापार में शामिल होने के लिए दस संस्थाओं पर कुल 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. सेबी ने 10 अलग-अलग आदेशों में दस संस्थाओं पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
ये दस संस्थाएं ऑरोप्लस मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड, बाबा आयरन इंडस्ट्रीज, अटलांटिक इन्वेस्ट एडवाइजरी, अविनाश वी मेहता एचयूएफ, नवनीत अग्रवाल एंड संस एचयूएफ, नीरज गांधी एचयूएफ, अथवानी श्रीचंद, अविरल गुप्ता, आयुषी अग्रवाल और सलोनी रुइया हैं.
सेबी ने क्यों लगाया जुर्माना
रेगुलेटर ने बीएसई पर इलिक्विड स्टॉक ऑप्शंस सेगमेंट में बड़े पैमाने पर रिवर्सल ट्रेड देखा था, जिससे एक्सचेंज पर आर्टिफिशियल वॉल्यूम बढ़ा. ऐसे में सेबी ने इन संस्थाओं पर जुर्माना ठोका है. सेबी ने अप्रैल 2014 से सितंबर 2015 तक सेगमेंट में लगी कुछ संस्थाओं की व्यापारिक गतिविधियों की जांच की थी.
नियमों का किया उल्लंघन
सेबी ने अपने आदेशों में बताया कि संस्थाओं ने पीएफयूटीपी का मानदंड़ों का उल्लंघन किया था. पीएफयूटीपी मानदंड का मतलब धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं का निषेध है. रेगुलेटर ने कहा कि रिवर्सल ट्रेडों को गैर-वास्तविक प्रकृति माना जाता है. ये संस्थाएं ट्रेडिंग की झूठी या भ्रामक उपस्थिति की ओर जाता है.
रजिस्ट्रेशन हुआ कैंसिल
बुधवार को एक अलग आदेश में सेबी ने नियामक मानदंडों का उल्लंघन करने पर वित्तीय सेवाओं के रजिस्ट्रेशन के प्रमाण पत्र को कैंसिल कर दिया है. एलाइड फाइनेंशियल सर्विसे प्राइवेट लिमिटेड एनएसई का एक रजिस्टर्ड सदस्य होने के साथ ही एनएसडीएल डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट था. सेबी ने इससे पहले भी कुछ संस्थाओं पर जुर्माना लगाया था. बता दें कि समय-समय पर सेबी ऐसे संस्थाओं की जांच करती है. जांच में गलत पाए जाने के बाद सेबी इन संस्थानों पर कार्रवाई करती है. इसी क्रम में इन 10 संस्थाओं पर भी जुर्माना ठोका गया है.
ये भी पढ़ें