SEBI: सेबी ने कैंसिल किए 39 स्टॉक ब्रोकर्स के रजिस्ट्रेशन, ऐसे स्थिति में खुद को बचाने के लिए क्या करें निवेशक
Stock Broker: सेबी ने यह कार्रवाई निवेशकों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए ही की थी. अब आपको समझ लेना चाहिए कि आगे आपको क्या करना होगा.
Stock Broker: मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने हाल ही में 39 स्टॉक ब्रोकर, 7 कमोडिटी ब्रोकर और 22 डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स के रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए थे. इन सभी पर रजिस्ट्रेशन का दुरुपयोग करने और निवेशकों को जोखिम से बचाने के लिए कार्रवाई की गई थी. ऐसी परिस्थिति में इन ब्रोकर्स के जरिए निवेश करने वाले इनवेस्टर भी खुद को अजीब स्थिति में फंसा पाते हैं. यदि आपने इनमें से किसी ब्रोकर के साथ निवेश किया है तो फंड की चिंता होना लाजिमी है. हालांकि, उनका रजिस्ट्रेशन रद्द होने का मतलब यह नहीं है कि आपका निवेश भी जोखिम में है. आज हम आपको यह जानकारी देने वाले हैं कि सेबी की स्टॉक ब्रोकर्स पर कार्रवाई से वह खुद को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं.
इन ब्रोकर्स पर सेबी ने की थी कार्रवाई
सेबी ने कुछ दिनों पहले ही बेजल स्टॉक ब्रोकर्स (Bezel Stock Brokers), रिफ्लेक्शन इनवेस्टमेंट्स (Reflection Investments) और संपूर्णा पोर्टफोलियो (Sumpoorna Portfolio) जैसे स्टॉक ब्रोकर्स के खिलाफ कार्रवाई की थी. इसके साथ ही वेल्थ मंत्रा कमोडिटीज (Wealth Mantra Commodities) और संपूर्णा कॉमट्रेड (Sumpoorna Comtrade) जैसे कमोडिटी ब्रोकरों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया था. इसके अलावा मूंगिपा इन्वेस्टमेंट्स (Moongipa Investments) और पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (Punjab & Maharashtra Co-Operative Bank) जैसे डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स भी सेबी के एक्शन से प्रभावित हुए थे.
निवेशकों के लिए क्या है इसका मतलब
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, सेबी की कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य इन ब्रोकरों को काम करने से रोककर निवेशकों की रक्षा करना है. चूंकि ये ब्रोकर किसी भी स्टॉक एक्सचेंज के मेंबर नहीं थे. इसलिए वे सेबी के रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी शर्तों को पूरा नहीं करते थे. यदि आपके ब्रोकर का रजिस्ट्रेशन भी रद्द हुआ है तो उनके साथ सभी कारोबारी गतिविधियों को रोकना और आगे कोई डिपॉजिट न करना बहुत जरूरी हो जाता है. आपको अपना पैसा निकालने के लिए तुरंत ब्रोकर से संपर्क करना चाहिए. साथ ही अपनी सिक्योरिटीज को किसी अन्य ब्रोकर को ट्रांसफर करने की व्यवस्था करनी चाहिए.
ऐसे करता है सेबी निवेशकों की सुरक्षा
सेबी यह सुनिश्चित करता है कि डीरजिस्ट्रेशन के बाद भी ब्रोकर सारे रिकॉर्ड बनाए रखे. साथ ही निवेशकों की सभी समस्यायों का समाधान करे. इसके अलावा वह फंड और सिक्योरिटीज को या तो इनवेस्टर को वापस करे या फिर उन्हें किसी अन्य रजिस्टर्ड ब्रोकर को ट्रांसफर करे. कोई भी समस्या आने पर आप सेबी से भी संपर्क कर सकते हैं.
निवेशक खुद को बचाने के लिए ये कदम उठाएं
इस तरह की परेशानियों से बचने के लिए आप एक भरोसेमंद ब्रोकर को चुनें. आपको पता करना चाहिए कि वह डिस्काउंट ब्रोकर है या फिर फुल सर्विस ब्रोकर. डिस्काउंट ब्रोकर आपकी फीस बचा सकते हैं लेकिन, फुल सर्विस ब्रोकर मजबूत वित्तीय संस्थानों से जुड़े होते हैं. ये आपको ज्यादा सुरक्षा उपलब्ध करवा सकते हैं. निवेशकों को लगातार अपनी ट्रेडिंग पर ध्यान देना चाहिए.
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