Madhabi Puri Buch: कांग्रेस के आरोपों पर खुलकर बोलीं माधबी पुरी बुच, लीगल एक्शन की कर रहीं तैयारी
SEBI: सेबी चीफ ने उन पर लगे आरोपों को झूठा और निराधार बताया है. उन्होंने कहा हमारी बिना जानकारी के हमारे आईटीआर हासिल करना एक अपराध है. इस बारे में कानूनी प्रक्रिया के तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी.
SEBI: मार्केट रेगुलेटर सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) पर आरोपों की बौछार करने वाली हिंडनबर्ग की रिपोर्ट (Hindenburg Report) का मसला अभी भी शांत होता नहीं दिखाई दे रहा है. हाल ही में कांग्रेस (Congress) पार्टी ने माधबी पुरी बुच को लेकर कुछ आरोप जड़े थे. इन पर अब सेबी चीफ ने अपनी सफाई पेश की है. उन्होंने एक बार फिर से दोहराया है कि इन आरोपों में कुछ भी सच्चाई नहीं है. उन्होंने अपने निवेश और नौकरियों से जुड़ी हर जानकारी सेबी को पहले से ही दी हुई थी.
माधबी पुरी बुच और धवल बुच पर कांग्रेस ने लगाए थे आरोप
माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच (Dhaval Buch) ने शुक्रवार को कांग्रेस के आरोपों पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि जानबूझकर उनके खिलाफ ऐसा कहा जा रहा है. यह एक तरह का फर्जी नरेटिव बनाने की कोशिश है. कांग्रेस का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि इन आरोपों का कोई आधार नहीं है. उन्होंने संकेत दिया है कि इनके खिलाफ लीगल एक्शन भी लिए जा सकते हैं.
आईसीआईसीआई ग्रुप से जुड़ा कोई फैसला नहीं लिया
कांग्रेस ने माधबी पुरी बुच और धवल बुच पर हितों के टकराव और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. विपक्षी पार्टी का कहना है कि उन्होंने अपनी कंसल्टेंसी फर्म अगोरा एडवाइजरी (Agora Advisory) के जरिए आईसीआईसीआई ग्रुप (ICICI Group) समेत अन्य कंपनियों से इनकम प्राप्त की है. माधबी पुरी बुच ने कहा कि हमने सभी निवेश, प्रॉपर्टी और कंपनियों के बारे में सेबी को साल 2017 में ही जानकारी दी थी. ऐसे आरोप हमारी साख गिराने वाले और झूठे हैं. इनका उद्देश्य कुछ और है. सेबी चीफ ने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने आईसीआईसीआई ग्रुप से जुड़ी किसी भी फाइल को डील नहीं किया. उन्होंने कहा कि साल 2011 में वह आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) से अनपेड लीव पर चली गई थीं. ऐसे में एक साथ दो जगहों पर काम करने का सवाल ही पैदा नहीं होता है.
हमारा आईटीआर हासिल करना कानून का उल्लंघन
सेबी चीफ ने अपनी सफाई में कहा कि साल 2013 में उन्होंने सिंगापुर में अपने पति के साथ रहने का फैसला किया तो उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक से खुद को अलग कर लिया था. उन्होंने कहा कि यह आरोप इनकम टैक्स रिटर्न के आधार पर लगाए जा रहे हैं. जब हमने आईटीआर में सारी जानकारी दी थी तो फिर आरोप कैसे बन सकते हैं. हमारे आईटीआर हासिल करना भी कानून का उल्लंघन है. हमने पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से पैसा कमाया है.
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