Derivatives Trade: सेबी चीफ माधबी पुरी बुच बोलीं, F&O सेगमेंट में हर साल परिवारों को हो रहा 60,000 करोड़ रुपये का नुकसान
SEBI Update: पिछले दिनों सेबी ने एक सर्वे जारी किया जिसमें कहा गया कि F&O में 90 फीसदी सौदों में निवेशकों को नुकसान हो रहा है.
Future & Option Segment: शेयर बाजार में वायदा कारोबार में निवेशकों को हो रहे नुकसान ने रेग्यूलेटर्स से लेकर सरकार की चिंता बढ़ा दी है. सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा फ्यूचर एंड ऑप्शन सेगमेंट में देश के परिवारों को सालाना 60,000 करोड़ रुपये तक का नुकसान हो जा रहा है. सेबी चीफ ने हैरानी जताते हुए कहा, डेरिवेटिव्स मार्केट्स में ऐसे सौदे को एक बड़ा व्यापक मुद्दा क्यों ना कहा जाए.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में एक इंवेंट को संबोधित करते हुए सेबी चेयरपर्सन ने कहा, सालाना फ्यूचर एंड ऑप्शन में 50,000 से लेकर 60,000 करोड़ रुपये का नुकसान निवेशकों को हो जा रहा है. उन्होंने कहा, इस पैसे आईपीओ या म्यूचुअल फंड जैसे प्रोडक्टिव जगहों पर निवेश कर इस्तेमाल किया जा सकता था. उन्होंने सवाल करते हुए कहा, आखिरकार ये व्यापक मुद्दा क्यों नहीं बन पा रहा है? हाल ही में सेबी ने अपने सर्वे में कहा है कि फ्यूचर एंड ऑप्शंस में 90 फीसदी सौदों में निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.
सेबी ने डेरिवेटिव्स रेग्यूलेशन को सख्त करने का फैसला लिया है जिससे बाजार में स्थिरता आ सके और साथ ही छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा की जा सके. इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सेबी ने 30 जुलाई 2024 को कंसलटेशन पेपर जारी किया है जिसमें डेरिवेटिव्स ट्रेड की गतिविधि को सीमित करने के तरीकों को लेकर सुझाव दए गए हैं. इस कंसलटेशन पेपर में कॉंट्रैक्ट साइज को बढ़ाकर चार गुना करने का सुझाव दिया गया है साथ ही ऑप्शन प्रीमियम के फौरन पेमेंट के साथ वीकली कॉंट्रैक्ट की संख्या को घटाने की सिफारिश की गई है. मौजूदा समय में इंडेक्स-बेस्ड कॉंट्रैक्ट्स की एक्सपाइरी हर रोज होती है. सेबी ने एक्सचेंज के एक इंडेक्स के वीकली कॉंट्रैक्ट की एक्सपाइरी का सुझाव दिया है. इसे मान लिया गया तो हफ्ते में दो एक्सपाइरी हुआ करेंगी. सेबी ने पिछले महीने इसपर अंकुश लगाने खातिर सुझाव देने के लिए एक एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया था .
सेबी चेयरपर्सन ने कहा, भले ही शेयर बाजारों को भले ही डेरिवेटिव्स ट्रेड के कम होने से चार्जेज कम मिलेंगे लेकिन लंभी अवधि में सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए फायदेमंद रहने वाला है. उन्होंने कहा, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) निवेशकों के लिए जोखिम से भरी डेरिवेटिव गतिविधि का विकल्प नहीं हो सकते हैं क्योंकि इनकी तरलता और लाभ बहुत अलग है.
माधबी पुरी बुच ने म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए बैंक ग्राहकों के समान केवाईसी सत्यापन का उपयोग करने की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि सेबी सिक्योरिटीज मार्केट में पेटीएम जैसी गड़बड़ी की कतई इजाजत नहीं देगा. उन्होंने कहा, हम सबने देखा पेटीएम में क्या हुआ.
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